Excise Scam Case: तिहाड़ जेल से बाहर आई के. कविता, पति-बेटे से मिलकर हुईं भावुक, कहा- मैंने कुछ गलत नहीं किया

Delhi Excise Policy Scam Case: 46 वर्षीय कविता को तिहाड़ की जेल नंबर 6 में लगभग पांच महीने तक रखा गया था। उन्हें सबसे पहले 15 मार्च को उनके हैदराबाद स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था

Report :  Viren Singh
Update:2024-08-27 22:31 IST

Delhi Excise Policy Scam Case:बीआरएस नेता के कविता को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के जमानत के फैसले के बाद मंगलवार देर शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। बता दें कि के कवित शराब घोटाले मामले में मार्च में गिरफ्तार किया गया था और वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थीं।

कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने मनाया जश्न

बीआरएस नेता के कविता जब जेल परिसर से बाहर निकलीं, तो बीआरएस कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ ने ढोल और पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। उनकी रिहाई के लिए उनके भाई, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव भी मौजूद थे। जेल से बाहर आने के बाद बीआरएस नेत्री ने कार्यकर्ता को भी संबोधित किया।

राजनीतिक कारणों से जेल में डाला गया

मंगलवार रात मीडिया से बात करते हुए के कविता ने कहा कि पूरा देश जानता है कि मुझे राजनीतिक कारणों से जेल में डाला गया था। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम लड़ेंगे और खुद को निर्दोष साबित करेंगे। उन्होंने कहा कि "मुझे बस इतना कहना है कि कानून की जीत होगी, कानून अपना काम करेगा। यह एक दोषपूर्ण मामला था।

जेल से निकलते ही बेटे पति को लगाया गले

बाहर निकलते हुए बीआरएस एमएलसी कविता अपने बेटे, पति और भाई केटीआर को गले लगाती नजर आईं। इससे पहले आज मंगलवार को न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि चूंकि दोनों मामलों में 493 गवाहों की जांच की जानी है और 50,000 पन्नों के दस्तावेजों पर विचार किया जाना है, इसलिए निकट भविष्य में मुकदमे के समाप्त होने की कोई संभावना नहीं है। पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 1 जुलाई के फैसले के खिलाफ उनकी अपील को स्वीकार करते हुए कहा, जिसने दोनों मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने के कविता को जमानत दे दी।

इन शर्तों पर मिली जमानत

साथ ही कोर्ट ने कविता को प्रत्येक मामले में 10 लाख रुपये की राशि के जमानत बांड प्रस्तुत करने के आदेश दिया। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और सीबीआई दोनों मामले में के कविता को जमानत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कविता सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेगी और उसे अपना पासपोर्ट ट्रायल जज के पास जमा करना होगा। वह नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में उपस्थित रहेगी और मुकदमे के शीघ्र निपटान को सुनिश्चित करने में सहयोग करेगी।

पांच महीने तक रहीं के केविता जेल में

बता दें कि 46 वर्षीय कविता को तिहाड़ की जेल नंबर 6 में लगभग पांच महीने तक रखा गया था। उन्हें सबसे पहले 15 मार्च को उनके हैदराबाद स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और बाद में 11 अप्रैल को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया था। अपने जमानत फैसले में, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने स्वीकार किया कि कविता की हिरासत लगभग पांच महीने तक चली थी और मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच पूरी हो चुकी थी।

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