ट्रैक्टर परेड हिंसा: किसानों पर बड़ी खबर आई सामने, दिल्ली पुलिस के उड़े होश

पुलिस को आशंका है यह सभी लोग विदेश भाग सकते हैं, ताकि पुलिस की कार्रवाई से बच सकें। अब एयरपोर्ट पर अलर्ट कर दिया है। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए किसान नेताओं को दूसरा नोटिस दिया है।

Update:2021-03-03 12:12 IST
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हिंसा को लेकर पुलिस ने 15 नई एफआईआर दर्ज की है। अभ एफआईआर की संख्या बढ़कर 59 हो गई है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों ने फैसला लिया है कि जिन राज्यों में चुनाव है वह उन राज्यों में जनसभाए करेंगे और लोगों से बीजेपी को हराने की अपील करेंगे। अब इस बीच गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड हिंसा मामले में 20 और किसानों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनमें अधिकतर किसान नेता हैं। इससे पहले 40 किसानों के खिलाफ भी लुकआउट नोटिस जारी किया था।

आरोपियों के विदेश भागने का शक

पुलिस को आशंका है यह सभी लोग विदेश भाग सकते हैं, ताकि पुलिस की कार्रवाई से बच सकें। अब एयरपोर्ट पर अलर्ट कर दिया है। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए किसान नेताओं को दूसरा नोटिस दिया है। अभी तक अधिकतर नेता पूछताछ में शामिल नहीं हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व सतनाम सिंह पन्नू समेत कई नेता पूछताछ में शामिल नहीं हुए हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हिंसा को लेकर पुलिस ने 15 नई एफआईआर दर्ज की है। अभ एफआईआर की संख्या बढ़कर 59 हो गई है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा 14 की जांच कर रही है। इन एफआईआर में कुल 158 आरोपी व किसानों को गिरफ्तार किए गए थे। अभी भी 130 लोग जेल में हैं और बाकी जमानत बाहर हैं।

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साजिश के तहत लाल किला पर फहराया झंडा

उन्होंने बताया कि आम जनता से हिंसा से जुड़े फोटो, वीडियो और ऑडियो देने के लिए अपील की गई थी। लोगों ने 3000 फोटो, 2001 वीडियो और 73 ऑडियो पुलिस को दिए हैं। इनसे आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने लालकिले से करीब 10 हजार लोगों का डंप डाटा लिया है। इन नंबरों से जानकारी मिली है कि सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर से किसान पहुंचे थे।

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पुलिस के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ है कि लालकिले पर झंडा फहराने की घटना साजिश थी जिसके तहत अंजाम दिया गया है। किसानों ने यह पहले से ही तय कर लिया था उन्हें लालकिले पर जाना है। उन्होंने तय किया था कि वहां फतेह दिवस मनाने के लिए झंडा फहराना है।

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