बड़ी खबर: अभी- अभी कोर्ट से निर्भया के दोषी पवन के लिए आई बुरी खबर...

निर्भया केस का दोषी पवन फांसी के एक कदम और करीब पहुंच गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरूवार को इस केस में सुनवाई करते हुए दोषी पवन की याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही आरोपी के वकील ए पी सिंह पर 25 हज़ार रूपये का फाइन भी लगाया है।

Update: 2019-12-19 10:56 GMT

नई दिल्ली : निर्भया केस का दोषी पवन फांसी के एक कदम और करीब पहुंच गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरूवार को इस केस में सुनवाई करते हुए दोषी पवन की याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही आरोपी के वकील ए पी सिंह पर 25 हज़ार रूपये का फाइन भी लगाया है।

बताते चले कि निर्भया केस के दोषी पवन कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि दिसंबर 2012 में घटना के समय वो नाबलिग था। कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया।

कोर्ट में कहा गया कि वो पवन गुप्ता के वकीलों को अदालत में बुलाए। पवन कुमार गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि जेजे कानून की धारा 7ए में प्रावधान है कि नाबालिग होने का दावा किसी भी अदालत में किया जा सकता है और इस मुद्दे को किसी भी समय यहां तक कि मामले के अंतिम निपटारे के बाद भी उठाया जा सकता है।

 

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घटना के समय नाबालिग घोषित करने का अनुरोध करते हुए पवन ने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की। उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत छूट का दावा किया था।

अदालत ने पवन को मौत की सजा सुनाई है और वह तिहाड़ जेल में बंद है. उसने अनुरोध किया कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए। पवन के अलावा मामले में तीन अन्य दोषी मुकेश, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह हैं।

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आरोपी पवन ने नाबालिग का किया था दावा

गौरतलब है कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में से एक पवन ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करते हुए दावा किया था कि वह दिसंबर 2012 में अपराध के समय नाबालिग था।

दोषी पवन कुमार गुप्ता की याचिका को गुरुवार को सुनवाई के लिए न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। गुरुवार को अदालत ने इस मुद्दे पर सुनवाई 24 जनवरी तक टालने का आदेश दिया था, लेकिन निर्भया के घरवालों के विरोध के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई गुरुवार को ही करने का निर्णय लिया।

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