Excise Policy Case: निचली अदालत ने विवेक का नहीं किया इस्तेमाल, तर्कों के साथ HC ने रद्द की केजरीवाल की जमानत

Excise Policy Case: यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ ने मंगलवार को दिया। बेंच ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर रोक बरकरार रखी है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-06-25 09:37 GMT

सीएम अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से झटका (Pic: Social Media)

Excise Policy Case: आबकारी घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी और दिन जेल में रहना पड़ेगा। दिल्ली के हाई कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की जनामत याचिका पर सुरक्षित फैसले पर निर्णय देते हुए इसमें रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा निचली अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने केजरीवाल को जमानत देते समय अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। अदालत ने ईडी के दस्तावेजों पर गौर नहीं किया और न ही पीएमएलए की धारा 45 की दोहरी शर्तों पर गौर किया, जो गलत है, इसलिए केजरीवाल को निचली अदालत से मिली जमानत वाले फैसले को रद्द करते हैं।

ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया

यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ ने मंगलवार को दिया। बेंच ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत का रुख यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है। निचली अदालत को ईडी को जमानत याचिका पर उचित बहस का मौका देना चाहिए था। हमने दोनों पक्षों को सुना है। कोर्ट ने कहा कि ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने मुद्दा उठाया कि निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था की इतने दस्तावेज पढ़ना संभव नहीं था. इस तरह की टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित थी और ये दर्शाती है कि ट्रायल कोर्ट ने रिकॉर्ड पर अपना ध्यान नहीं दिया।

केजरीवाल की स्वतंत्रता का नहीं किया गया हनन 

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को चुनावों के मद्देनजर पहले जमानत दी गई थी। उनकी गिरफ्तारी की याचिका को हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद ये नहीं कहा जा सकता कि उनकी स्वतंत्रता का हनन किया गया है। बीते सोमवार को ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल कर सूचित किया था कि जमानत देने का निचली अदालत का आदेश विकृत निष्कर्षों पर आधारित था।

सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी थी राहत

दिल्ली हाई कोर्ट से निचली अदातल के फैसले पर लगी रोक के खिलाफ सीएम केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, वहां से भी उन्हें झटका मिला। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने केजरीवाल की जनातत याचिका पर कहा कि हाईकोर्ट को अपना आदेश देने दीजिए। हम आपको 26 जून को सुनेंगे।

ये है पूरा मामला

दरअसल, दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को आबकारी मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। उसके बाद अगले दिन ईडी राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले खिलाफ तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए ईडी ने हाईकोर्ट पहुंची। कोर्ट ईडी की याचिका पर गौर करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी और दोनों पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अगले तीन दिन बाद इस फैसले देने के लिए कहते हुए निर्णय को सुरक्षित रख लिया है। इस आज हाईकोर्ट ने अपना फैसला दिया है और निचली कोर्ट से केजरीवाल को मिली जमानत के फैसले को रद्द कर दिया है।

21 मार्च को केजरीवाल हुए थे गिरफ्तार

बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को 24 जून तक लिखित दलील दाखिल करने को कहा था। जिस पर दोनों ओर से जवाब दाखिल कर दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को केजीरवाल को लोकसभा चुनाव को देखते हुए सशर्त अंतरिम जमानत दी थी। यह 1 जून तक थी और 2 जून को सरेंडर करने के आदेश दिया था। 2 जून की शाम को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर किया था, तब वह जेल में हैं।

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