Delhi Electric Buses: दिल्लीवासियों को मिलीं 400 नई इलेक्ट्रिक बसें, एलजी सक्सेना और सीएम केजरीवाल दिखाई हरी झंडी

Delhi Electric Buses: जी-20 समिट से पहले आज मंगलवार (5 सितंबर) को दिल्ली को 400 नई इलेक्ट्रिक बसें मिल गईं। इन बसों को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

Update:2023-09-05 09:17 IST
Delhi Electric Buses (Photo - Social Media)

Delhi Electric Buses: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने वाले जी-20 समिट को लेकर लगभग तैयारियां पूरी हो चुकी है। इस बीच जी-20 समिट से पहले आज मंगलवार (5 सितंबर) को दिल्ली को 400 नई इलेक्ट्रिक बसें मिल गईं। इन बसों को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह बसें आज से दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आएंगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि उपराज्यपाल के साथ मिलकर आज 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली की जनता को सौंपा। ये बसें सब्सिडी स्कीम की 921 बसों में शामिल हैं, जिनके लिए केंद्र सरकार की तरफ़ से 417 करोड़ की सब्सिडी दी गई है और दिल्ली सरकार 3674 करोड़ रुपए खर्च करेगी। दिल्ली की सड़कों पर अब कुल 800 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं जो पूरे देश में सबसे ज़्यादा हैं। हमारा लक्ष्य 2025 के आख़िर तक दिल्ली की सड़कों पर कुल 8 हज़ार इलेक्ट्रिक बसें उतारने का है। उस वक्त दिल्ली में 10 हज़ार से ज़्यादा बसें होंगी जिसमें 80% बसें इलेक्ट्रिक होंगी। बहुत जल्द पूरे विश्व में दिल्ली को अपनी शानदार इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी जाना जाएगा।

बता दें कि दिल्ली में जिन 400 इलेक्ट्रिक बसों को शुभारंभ किया गया है, उनमें से 200 नई इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति पहले की जा चुकी है, जबकि 200 बसों की आपूर्ति हाल ही में की गई है। परिवहन विभाग का दावा है नई इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में शामिल होने से दिल्ली देश का पहला ऐसा प्रदेश बन गया है, जहां पर सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन किया जा रहा है। अभी तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 700 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। लेकिन दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़कर 800 हो गई है।

दरअसल, दिल्ली सरकार ने इस साल के अंत तक परिवहन विभाग के बेड़े में 1500 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसीलिए इन बसों को बेंडे में शामिल करने का काम चल रहा है।

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