Delhi Liquor Policy: CBI के शिकंजे में सिसोदिया, दिल्ली शराब पॉलिसी मामले में जानें कब क्या हुआ?
Delhi Liquor Policy: दिल्ली की नई आबकारी नीति में अनियमितताओं को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के यहां CBI ने छापा मारा। अब सिसोदिया को डर है कि उन्हें CBI या ED 3-4 दिनों के भीतर गिरफ्तार कर सकती है।
Manish sisodia Delhi Liquor Policy: नई आबकारी नीति और शराब पॉलिसी (Delhi Liquor Policy) को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उसके डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) कटघरे में खड़े हैं। इस मामले में राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने बीते गुरुवार को मनीष सिसोदिया के खिलाफ सर्च वारंट (Search Warrant Against Manish Sisodia) जारी किया था।
आपको बता दें, कि इस मामले में 17 अगस्त 2022 को एफआईआर (FIR) दर्ज हुई थी। ठीक एक दिन बाद यानी 18 अगस्त को एमके नागपाल (MK Nagpal) की अदालत ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सर्च वारंट जारी किया था। CBI की तरफ से कोर्ट को सौंपी गई तलाशी सूची में कुछ दस्तावेज भी शामिल थे।
दिल्ली सहित देश के 31 जगहों पर छापेमारी
दिल्ली की नई शराब नीति (Delhi's New Liquor Policy) में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सीबीआई ने शुक्रवार (19 अगस्त) को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर छापा मारा था। यहां आपको ये जानना भी जरूरी है कि ये छापे सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं थे। दिल्ली के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में करीब 31 जगहों पर भी छापेमारी हुई थी।
सिसोदिया के साथ कई अधिकारियों पर केस दर्ज
सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia), अरवा गोपी कृष्णा (Arava Gopi Krishna) (तत्कालीन आयुक्त आबकारी), आनंद तिवारी (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी) तथा पंकज भटनागर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी) सहित 10 शराब लाइसेंसधारियों और उनके सहयोगियों व कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था।
जानें क्या लगे हैं आरोप?
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने अरवा गोपी कृष्णा (Arava Gopi Krishna) और आनंद तिवारी (Anand Tiwari) के ठिकानों की भी तलाशी ली। सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान आरोप लगाया है कि आबकारी नीति में संशोधन सहित कई अनियमितताएं की गई हैं। साथ ही, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ भी पहुंचाया गया है। इनमें लाइसेंस शुल्क में छूट और अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि शामिल है।
'बहाना बनाकर मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है'
दूसरी तरफ इस पूरे मामले को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया राजनीतिक और बदले की कार्रवाई बता रहे हैं। शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, कि उन्हें बहाना बनाकर जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। आपको बता दें कि, इससे पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल यही संभावना जता चुके हैं। सिसोदिया ने शनिवार को कहा, 'शायद 3-4 दिनों के भीतर सीबीआई-ईडी मुझे गिरफ्तार कर ले। मगर, हम डरेंगे नहीं। उन्होंने कहा, मुद्दा शराब या आबकारी घोटाला नहीं है। उनकी समस्या अरविंद केजरीवाल हैं।'
लैपटॉप और मोबाइल फोन तक ले गई CBI
शुक्रवार को दिल्ली के डिप्टी के घर सीबीआई की कार्रवाई करीब 14 घंटे चली। छापेमारी के बाद मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया। सिसोदिया ने बताया था, सीबीआई की टीम मेरा लैपटॉप और मोबाइल फोन तक ले गई है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार उन्हें ऊपर से कंट्रोल करने और दिल्ली में हो रहे अच्छे कामों को रोकने की कोशिश कर रही है।
FIR में मुख्य आरोपी हैं मनीष सिसोदिया
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को एफआईआर में पहला आरोपी या कहें मुख्य आरोपी बनाया है। सीबीआई की इस एफआईआर में 15 आरोपी हैं। यह आबकारी नीति में अनियमितता (Irregularities in Excise Policy) का मामला है। यह केस 17 अगस्त को दर्ज हुआ था।