तिहाड़ जेल से दिनदहाड़े हत्या के आरोपी का हो गया अपहरण, प्रशासन में मचा हड़कंप

तिहाड़ जेल परिसर से हत्यारोपी को कुछ पुलिसकर्मी और अन्य दो तीन लोगों ने मिलकर अगवा कर लिया। साथ ही उसके वकील के साथ मारपीट भी की। इस घटना से हड़कंप मच गया है।

Update:2020-12-26 10:45 IST
तिहाड़ जेल से दिनदहाड़े हत्या आरोपा को किया गया अगवा

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल, जहां की सिक्योरिटी को सबसे ज्यादा सेफ कहा जाता है, वहां से दिनदहाड़े हत्या के आरोपी को अगवा कर लिया गया। साथ ही उसके वकील से मारपीट भी की गई। मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह कुछ पुलिसकर्मी और अन्य दो तीन लोग जेल में घुसे और आरोपी को मारपीट कर वहां से अगवा करके लेते गए। हैरानी करने वाली बात ये है कि जेल के गेट पर रजिस्टर में उनकी एंट्री तक नहीं की गई। बताया जा रहा है कि आरोपी जेल में मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करने आया था। इस घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

कोर्ट ने दिए ये आदेश

अब इस घटना के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं तिहाड़ जेल के ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने सुभाष प्लेस थानाध्यक्ष व मामले के जांच अधिकारी को तलब किया है। साथ ही संबंधित पुलिस कमिश्नर को आरोपी से जुड़ी जानकारी की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की सुनवाई शनिवार को होनी है।

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क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला सुभाष पैलेस थाने से जुड़ा है। हत्या के आरोपी कार्तिक उर्फ माधव ने रोहिणी अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए 22 दिसंबर को आवेदन किया था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होने की वजह से कोर्ट ने आरोपी को जेल में डयूटी मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करेन के लिए कहा था। शुक्रवार को मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही आरोपी को अगवा कर लिया गया।

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वकील ने बताई पूरी वारदात की कहानी

मामले में आरोपी के वकील अनवर खान ने कोर्ट में कहा कि वह अपने मुवक्किल के साथ जेल परिसर में वाटर पार्क के पास थे। इसी दौरान तीन से चार लोग आए और उन्होंने उनके मुवक्किल और उन्हें मारना शुरू कर दिया। इस बीच दो से तीन पुलिसकर्मी वहां पहुंचे, लेकिन उन्होंने आरोपी और वकील को बचाने की बजाय उनसे मारपीट की। इसके बाद हत्या आरोपी को उठाकर लेते गए।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने जेल परिसर के गेट नंबर 1 पर तैनात ASI (सीआरपीएफ) रणवेश कुमार, होमगार्ड भागीरथ, कांस्टेबल दत्तू मोरे से मामले के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने बताया कि वे पुलिसकर्मी ही थे। साथ ही ये भी बताया कि रजिस्टर में उनकी एंट्री नहीं हो पाई।

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