किसान आंदोलन: MSP पर नहीं बनी बात, 8 जनवरी को अगली बैठक

तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने कहा एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए। सरकार के इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया। अब यह अगली बैठक 8 जनवरी को तय हुई है।  

Update: 2021-01-04 07:06 GMT
किसान आंदोलन: संयुक्त कमेटी बनाने को तैयार सरकार, राजी नहीं हुए किसान

नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में कड़ाके की ठंड पड़ना जारी है दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 40 वां दिन था। सरकार और किसानों के बीच ये आठवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। किसानों और सरकार के बीच वार्ता से ताजा खबर ये है कि किसान संगठनों के MSP पर लिखित आश्वासन और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने कहा एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए। सरकार के इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया। अब यह अगली बैठक 8 जनवरी को तय हुई है।

किसानों के कहा-आज हम आपके साथ खाना नही खाएंगे

सूत्रों के मुताबिक आज किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि राज्य मंत्री सोम प्रकाश से कहा की आज हम आपके साथ खाना नही खाएंगे। आप अपना खाना खाइए और हम अपना खाना खाएंगे।

बैठक के पहले ही दौरे में किसान संगठनों ने कहा कि आप हमें ये बताएं कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेंगे या नहीं। इस पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम तीन कानूनो में संशोधन के लिए तैयार हैं। इसी बहस के बीच लंच ब्रेक लिया गया।

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किसान लंगर से मंगाया गया भोजन

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी किसान लंगर से मंगाया गया भोजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानून के फायदे गिना रही है, जबकि किसान कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तीनों कानूनों को लेकर गतिरोध बरकरार है।

लंच ब्रेक के लिए बात-चीत रुकी

सरकार और किसानों के बीच चल रही वार्ता लंच ब्रेक के लिए कुछ देर के लिए रुकी है। अब तक कृषि कानूनों को खत्म करने के एजेंडे पर कोई प्रगति नहीं हो पाई है।

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किसानों और सरकार के बीच बातचीत जारी

कृषि कानून के मसले पर किसानों और सरकार के बीच बातचीत हो रही है। पिछली चर्चा में सरकार दो मुद्दों पर मान गई थी, लेकिन दो मुद्दों पर मंथन जारी है। विज्ञान भवन में किसान नेता और सरकार फिर बातचीत की टेबल पर है। किसानों ने MSP पर गारंटी कानून और कृषि कानून वापस लेने की मांग की है। वहीं, सरकार का कहना है कि बातचीत से कुछ हल निकलेगा।

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कृषि मंत्री ने कहा- सकारात्मक नतीजा निकलने की उम्मीद

किसानों संग आज होने वाली बातचीत को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आज कुछ सकारात्मक नतीजा निकलेगा। बैठक में हर विषय पर मंथन होगा।

विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए किसान

किसानों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की चर्चा होनी है। इस बातचीत के लिए किसान नेता विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गए हैं। दोपहर 2 बजे ये बातचीत शुरू होगी।

दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर बौद्ध भिक्षु भी पहुंचे

किसानों का आंदोलन लगातार जारी है और उन्हें कई तबकों का समर्थन भी मिल रहा है। सोमवार सुबह दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर बौद्ध भिक्षु भी पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों की मांगों का समर्थन किया और तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की।

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कानून वापसी के बिना हम पीछे नहीं हटेंगे: राकेश टिकैत

सरकार के साथ बात करने से पहले किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि आज की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। सरकार को समझना चाहिए कि किसानों का आंदोलन दिल से है और कानून वापसी के बिना हम पीछे नहीं हटेंगे। सरकार कानून वापस ले, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करे और एमएसपी पर कानून बनाए।

26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च

अगर किसानों की बात करें तो 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात कह दी है। किसानों का कहना है कि हम किसी संशोधन नहीं बल्कि तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। अगर आज की चर्चा में सरकार नहीं मानती है, तो गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली की ओर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

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दोपहर को दो बजे एक बार फिर किसान और सरकार बातचीत की टेबल पर

दोपहर को दो बजे एक बार फिर किसान और सरकार बातचीत की टेबल पर होंगे। आठवें दौर की इस बातचीत के जरिए आंदोलन को खत्म करने की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है। बिजली बिल, प्रदूषण के मसले पर तो सरकार ने हामी भर दी, लेकिन MSP और कानूनों की वापसी पर अभी भी सरकार नहीं मानी है। ऐसे में इन्हीं दो बिंदुओं पर आज चर्चा है।

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