Train Fire: भीख न मिलने से हताश हो कर ट्रेन में ही आग लगा दी
Train Fire:फितरती दिमाग क्या क्या कर सकता है इसका एक उदाहरण सामने है। एक भिखारी ने पर्याप्त भीख मिलने से निराश होकर एक ट्रेन के डिब्बे में ही आग लगा दी।
Train Fire: फितरती दिमाग क्या क्या कर सकता है इसका एक उदाहरण सामने है। एक भिखारी ने पर्याप्त भीख मिलने से निराश होकर एक ट्रेन के डिब्बे में ही आग लगा दी। मामला अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस में एक जून को हुई आगजनी का है। पुलिस ने दावा किया है कि ट्रेन में आग लगाने का आरोपी कोलकाता का मूल निवासी प्रोसेनजीत सिकदर है। वह इसलिए हताश था क्योंकि वह भीख से पर्याप्त कमाई नहीं कर पा रहा था।
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आईजी नीरज कुमार गुप्ता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि जांच में आरोपी की 'हताशा' के अलावा और कोई मकसद सामने नहीं आया है।उन्होंने कहा कि प्रोसेनजीत सिकदर एकमात्र आरोपी है।
होटलों में काम कर चुका है
सिकदर पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना का रहने वाला है और उसने कोलकाता और मुंबई के होटलों में काम किया है। आईजी गुप्ता ने कहा कि पिछले दो साल से वह भिखारी था और हर जगह जाता था। लेकिन वह किसी तरह का पैसा नहीं जुटा सका। इसके चलते वह वह मानसिक रूप से परेशान था और इसी वजह से उसने यह हरकत की है।
पुलिस का मानना है कि आरोपी ने किसी ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया। आईजी ने कहा कि सिकदर एक आदतन धूम्रपान करने वाला व्यक्ति है और एक माचिस अपने पास रखता है। उसने ट्रेन को जलाने के लिए माचिस का इस्तेमाल किया।
पुलिस को शाहीन बाग निवासी सिकदर और शाहरुख सैफी के बीच कोई संबंध नहीं मिला है, जिसने 2 अप्रैल को इलाथुर में उसी ट्रेन में आग लगा दी थी।
सिकदर ने पुलिस को बताया कि वह पहले भी केरल का दौरा कर चुका है। आईजी गुप्ता ने कहा, सिकदर ने बताया है कि वह एर्नाकुलम गया था लेकिन हमें इसकी पुष्टि करनी होगी।
क्या हुआ था
रेलवे के एक कर्मचारी ने पहली बार 1.25 बजे आग देखी और दस मिनट के भीतर दमकल और बचाव दल पहुंच गया। उन्होंने एक घंटे में आग पर काबू पा लिया। जहां ट्रेन रुकी थी, वहां से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर बीपीसीएल की ईंधन भंडारण इकाई थी। ऐसे में एक भीषण कांड हो सकता था। लेकिन समय से कार्रवाई होने के कारण एक आपदा टल गई थी। फिर भी आग से ट्रेन के कोच नं. 17 ट्रेन का एक हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया। ट्रेन के कुन्नूर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के बाहर एक यार्ड में रुके होने के कारण किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।