समस्या जस की तस! दर्जनों योजनाओं के बाद भी बुंदेलखण्ड में नही है पानी

केन्द्र सरकार ने हर गांव को पाइप पेयजल योजना के तहत हर घर में नल पर राज्य सरकारों को काम करने को कहा है। इसके लिए मुख्यतौर पर बुंदेलखंड को फोकस किया गया है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘हर घर नल से जल’ योजना पर काम हो रहा है।

Update: 2019-12-10 16:07 GMT

लखनऊ: देश की आजादी के 70 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी बुंदेलखण्ड में पानी की समस्या सुधर नही रही है। केन्द्र में और प्रदेश में न जाने कितनी सरकारें आई पर बुंदेलखण्ड और उसके सीमावर्ती जिलों में पीने योग्य पानी की उपलब्धता का के प्रयास अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सबसे ज्यादा बुरे हाल ग्रामीण क्षेत्रों के हैं।

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‘हर घर नल से जल' योजना

केन्द्र सरकार ने हर गांव को पाइप पेयजल योजना के तहत हर घर में नल पर राज्य सरकारों को काम करने को कहा है। इसके लिए मुख्यतौर पर बुंदेलखंड को फोकस किया गया है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘हर घर नल से जल’ योजना पर काम हो रहा है। वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना नीर निर्मल राज्य ग्रामीण पेयजल प्रधानमंत्री जन विकास बुंदेलखण्ड पैकेज और बार्डर एरिया योजना चलाई जा रही है।

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कुछ महीने पूर्व ही केन्द्रीय जल शक्तिमंत्री राजेन्द्र सिंह शेखावत जब लखनऊ आए थें उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आश्वस्त किया था कि बुंदेलखण्ड में पीने योग्य पानी को लेकर राज्य सरकार की हर योजना पर केन्द्र सरकार सहयोग करने को तैयार है। उस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको आश्वस्त किया था दो वर्ष बाद बुंदेलखंड के हर गांव को पाइप पेयजल योजना से शुद्ध जल की आपूर्ति की जाएगी।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 हजार करोड़ की इस परियोजना का शिलान्यास कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि विध्यांचल क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र में भी पाइप पेयजल योजना के लिए 6700 की डीपीआर तैयार होने और योजना के अमल होने के बाद ‘हर घर नल से जल’ परियोजना का लाभ प्रदेश की 23 करोड़ जनता को मिलेगा।

नीर निर्मल परियोजना के प्रथम चरण की समीक्षा बैठक

लेकिन पिछले दिनो जब नीर निर्मल परियोजना के प्रथम चरण की समीक्षा बैठक हुई तो इसमें प्रस्तुत की गयी प्रगति को लेकर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। हालांकि इसमें 233 योजनाओं में 221 पूरी हो गयी पर बकाया काम अब तक पूरा न होने पर मुख्यमंत्री ने इसे जल्द पूरा करने को कहा है। इसमें कुछ जिले बुंदेलखण्ड के भी शामिल हैं जहां इस योजना का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है।

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