बंगाल में कोरोना पर विवाद, सरकार पर सही आंकड़े छिपाने का आरोप

पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना संक्रमितों के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया जा रहा है। जिसको लेकर अब विवाद बढ़ रहा है।

Update:2020-04-19 15:59 IST

पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। देश में आए दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां पूरा देश इस महामारी से मिल कर निपटने की कोशोश कर रहा है। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में कोरोना को लेकर अलग ही विवाद चल रहा है। असल में पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना संक्रमितों के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया जा रहा है। जिसको लेकर अब विवाद बढ़ रहा है।

बंगाल में अभी तक सिर्फ 233 मामले, 12 मौतें

पश्चिम बंगाल के कई चिकित्सीय समुदाय और विपक्षी पार्टी दावा कर रही हैं कि राज्य बहुत कम मामलों की जानकारी दे रहा है। क्योंकि संक्रमण के लिए बहुत कम आबादी की जांच की जा रही है। असल में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक शनिवार तक, राज्य में कोरोना वायरस के सिर्फ 233 मामले सामने आए हैं। वहीं इस वायरस से प्रदेश में अब तक सिर्फ 12 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। एक और तो ये बड़ी ख़ुशी की बात है कि बंगाल जैसे बड़े राज्य में इतने कम मामले ही सामने आए हैं।

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लेकिन महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से तुलना पर ये आंकड़े बहुत कम हैं। लेकिन राज्य में जो मौत हुई हैं वे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते हुई हैं या पहले से जारी किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई हैं। यह जांचने के लिए विशेषज्ञ ऑडिट समिति का सरकार द्वारा गठन किया गया है। इससे संदेह अवश्य पैदा होता है, कि सरकार को ऐसा करने की जरुरत क्या है।

हर दिन 20 सैंपल से भी कम भेज रही सरकार

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कोलकाता में कोविड-19 जांच के लिए आईसीएमआर के प्रमुख केंद्र, राष्ट्रीय कॉलरा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) ने हाल में कहा था कि राज्य सरकार जांच के लिए पर्याप्त नमूने नहीं भेज रही है। संस्थान की निदेशक डॉ शांता दत्ता ने हाल में कहा था, यह बड़ी खामी है। डॉ शांता दत्ता ने बताया कि पिछले हफ्ते हमें हर दिन 20 नमूने भी प्राप्त नहीं हो रहे थे। डॉ शांता ने बताया कि ये फैसला सरकार को करना होता है कि उसे कितने सैंपल भेजने हैं। अगर सरकार हमें ज्यादा नमूने भेजेगी तो हम जज्यादा जांच कर पाएंगे। डॉक्टर दत्ता ने कहा कि मेरे विचार में नमूनों को अनुशंसा के अनुरूप एकत्र नहीं किया जा रहा, इसलिए बंगाल में हो रही जांच भी कम है।

किट की नहीं है कोई कमी

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जांच किट को लेकर की गई शिकायत पर आईसीएमआर निदेशक डॉ शांता दत्ता ने आईसीएमआर ने अब तक एनआईसीईडी को 42,500 किट भेजी हैं और कीटों की कोई कमी नहीं है। राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के मुताबिक शनिवार तक कुल 4,630 नमूनों की जांच की गई और पश्चिम बंगाल में अब हर दिन 400 जांच की जा रही हैं। वहीं 11 अप्रैल तक, सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में 31,841 नमूनों, राजस्थान में 24,817, केरल में 14,163 और दिल्ली में 11,709 नमूनों की जांच की गई है।

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