Devi Chitralekha: देवी चित्रलेखा दे रही जया किशोरी को टक्कर, जानें इनसे जुड़ी यह खास बातें..
Devi Chitralekha: देवी चित्रलेखा भारत की सबसे कम उम्र की आध्यात्मिक और धार्मिक कथा वाचक हैं। जो भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम की कथा का पाठ करने के लिए जानी जाती हैं।
Devi Chitralekha: जया किशोरी इनके बारे में आज हर कोई जानता है। जया किशोरी का नाम सोशल मीडिया पर और सुर्खियों में आजकल खूब छाया हुआ है। जया के वीडियोज और भजन बहुत वायरल होते है। जया न केवल भक्तिमय गीतों का गायन और कथावाचक है। इसके साथ ही जया एक मोटिवेशनल स्पीकर भी है। जिन्होंने कई निराश मन और उम्मीद से भटके लोगों को रह दिखा कर जीवन में सही रास्ता दिखाया है। इन्हीं के साथ आजकल ऐसे कई युवा कथावाचक के प्रोग्राम पर टीवी पर दिखाए जा रहे है। जिसमें बाबा बागेश्वर, जया किशोरी और एक युवा चेहरा देवी चित्रलेखा का है।आइए जानते है कौन है देवी चित्रलेखा?
पावन भूमि पर अलौकिक कन्या के रूप में लिया जन्म
देवी चित्रलेखा भारत के युवा कथावाचक में से एक तो है ही साथ ही देवी भारत में सबसे कम उम्र में आध्यात्मिक और धार्मिक कथा वाचक करने वाली कथावाचिका भी मानी जाती हैं। चित्रलेखा भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम के कथा का पाठ करने के लिए विख्यात रूप से जानी जाती हैं।
देवी चित्रलेखा का जन्म हरियाणा के पलवल स्थित खाम्बी गांव में 19 जनवरी, 1997 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। चित्रलेखा की बात की जाए तो, भारत के हरियाणा में पलवल जिले के पवन गांव खंबी में गौरपार्षद भक्त प्रवर पंडित टीकाराम शर्मा और उनकी पत्नी चमेली देवी शर्मा के पुत्री के रूप में जन्म लिया।
खंबी गांव आदिवृंदावन के नाम से भी जाना जाता है। ब्रज के लगभग चौरासी कोस के आसपास में स्थित है। चित्रलेखा ब्रजभूमि के देवताओं से जुड़ी रही जिससे उनका संस्कार भी देवी को मिलता रहा। देवी चित्रलेखा का जब जन्म हुआ,तब उनके पिता ने संतों, साधुओं को अपने घर बुलाया था तब उनमें से एक संत ने कहा कि,यह छोटी से बच्ची एक चमत्कारी अवतरण है। आने वाले भविष्य में यह बच्ची दुनिया भर में लोगों को अपने ज्ञान और कौशल से आश्चर्य कर देगी।
बचपन से ही आध्यात्म में रुचि रखती रही देवी
देवी के स्वर्गीय दादा-दादी राधा कृष्ण शर्मा और किशनदेई आध्यात्मिक रूप से पूजा पाठ में लगे रहते थे, चित्रलेखा को अपने साथ हर धर्मिक समारोह में लेकर जाया करते थे। मात्र 4 वर्ष की थी जब उन्हें ‘श्री श्री गिरधारी बाबा’ नामक एक बंगाली संत के मार्गदर्शन में ‘गौड़िया वैष्णववाद’ में शिक्षा लेने के लिए भेज दिया गया था। देवी के माता-पिता बृज के एक सम्मानित संत रमेश बाबा के कार्यक्रम में गए थे वहा वे 6 वर्ष की देवी को भी साथ लेकर गए थे, तब प्रोग्राम खत्म होने पर देवी के हाथ में माइक दिया गया। जिसके बाद जो हुआ लोग देखते रह गए है। 6 साल की उम्र में देवी आधे घंटे तक आध्यात्मिक विचार सुनाती रही। यही वो पल था जब नन्ही सी उम्र में देवी ने कथा करना शुरू कर दिया था। इस घटना के बाद गुरु जी ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन के पास तपोवन में देवी के लिए 7 दिन का भागवत कथा का आयोजन करवाया।
गुरुजी की कृपा से यमुना नदी के किनारे तपोवन भूमि में श्रीमद्भागवत सप्ताह का आयोजन हुआ। सबका कहना था कि घने जंगल में कहानी कौन सुनेगा? गुरु जी के आशीर्वाद और देवी चित्रलेखा के आध्यात्म भी से प्रभावित होकर, प्रतिदिन 11,000 से ज्यादा लोग जंगल में कहानी सुनने के आते रहे थे। कई साधु-संत भी कथा सुनने वन में आए थे।
कथा के स्थान पर मोर , गाय देवी जी के चरणों में अनाज और रोटी खाने पहुंचे थे। पशु-पक्षी भी प्रसन्न थे।समय के साथ देवी भारत में मशहूर कथावाचिकाओं में से एक बन कर प्रसिद्धि बना ली। कथा और प्रवचनों के धीरे कहानी करते हुए अक्सर उनकी आंखें छलक जाती हैं।
सनातन धर्म को सजोना ही है एक मात्र उद्देश्य
देवी ने 10 मार्च 2008 को अपने आवास क्षेत्र में हरियाणा के पलवल में ही ‘विश्व संकीर्तन यात्रा ट्रस्ट’ की स्थापना की। इसका उद्देश्य ‘भारत की हिंदू संस्कृति और विरासत को संरक्षित करना है।’ देवी चित्रलेखा को ईश्वर के पवित्र नाम का प्रचार-प्रसार करना, ‘भागवत कथा का पूरे विश्व में प्रचार करना,’ और ‘गौ सेवा करना, बहुत पसंद है। कथा और प्रवचन के साथ देवी अनाथ और घायल गायों की सेवा भी करती हैं।
साल 2013 में देवी ने हरियाणा के पलवल में ही गौ सेवा धाम अस्पताल की भी शुरुआत की थी। 23 मई 2017 को देवी ने अपने ही हरियाणा के पलवल में गौ सेवा धाम अस्पताल में शादी रचाई थी। देवी के पति का नाम माधव प्रभु जी है।
देवी को हारमोनियम बजाना बहुत पसंद है। उनका खुद का यूट्यूब चैनल भी है, जिस पर कई मिलियन सब्सक्राइबर्स के ऊपर हैं। देवी भारत के अलावा अमेरिका, अफ्रीका और इंग्लैंड में भी सत्संग कर चुकी है।