यहां चुनाव नतीजों के बीच अचानक क्यों ट्रेंड कर रहा #DGang

महाराष्ट्र में अब जबकि भाजपा शिवसेना गठबंधन बहुमत पा चुका है। तब इस चुनावी मेले में दबंगों की छाया का मामला तूल पकड़ गया है। ट्विटर पर हैशटैग डीगैंग ट्रेंड कर गया। अब खबर आ रही है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दाउद इब्राहिम ने बड़े पैमाने पर फंडिंग की थी। सूत्रों की माने तो शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के आतंकी दाऊद इब्राहिम के साथ रिश्तों को लेकर सवाल उठाने का भाजपा को एक बार फिर मौका मिल गया है।

Update: 2019-10-24 14:09 GMT

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में अब जबकि भाजपा शिवसेना गठबंधन बहुमत पा चुका है। तब इस चुनावी मेले में दबंगों की छाया का मामला तूल पकड़ गया है। ट्विटर पर हैशटैग डीगैंग ट्रेंड कर गया। अब खबर आ रही है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दाउद इब्राहिम ने बड़े पैमाने पर फंडिंग की थी। सूत्रों की माने तो शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के आतंकी दाऊद इब्राहिम के साथ रिश्तों को लेकर सवाल उठाने का भाजपा को एक बार फिर मौका मिल गया है।

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खबर ये भी है कि दाऊद के सहयोगी इकबाल मिर्ची और एनसीपी के प्रमुख नेता प्रफुल्ल पटेल की कंपनी के बीच मुंबई में एक जमीन के समझौते का मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसकी जांच कर रहा है।

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हालांकि महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में दाऊद इब्राहिम से एनसीपी के संबंधों की चर्चा होती रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह भी इस पर सवाल उठा चुके हैं। परंतु अब खुल कर बात सामने आ गई है। विधानसभा चुनाव में उठा यह मामला एनसीपी को भारी पड़ सकता है। भाजपा ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ कर एनसीपी से पूछा है कि क्या यह सिर्फ जमीन का सौदा है या बात इससे कहीं अधिक थी।

महाराष्ट्र की पूर्व कांग्रेस-एनसीपी सरकार तथा केंद्र की यूपीए सरकार के समय में पटेल और डी-कंपनी के आदमी के बीच कारोबारी समझौता हुआ। दाऊद आतंकी सरगना है। आखिर, उसका और एनसीपी का क्या लिंक है?

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यह बात किसी से छिपी नहीं है कि दाऊद इब्राहिम और एनसीपी के कैसे संबंध हैं। आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान दोनो के रिश्तों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे थे।

क्या है मामला...

आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल के परिवार द्वारा प्रमोटेड कंपनी मिलेनियम डेवलपर्स और मिर्ची के नाम से कुख्यात दिवंगत इकबाल मेमन के बीच सौदा हुआ था। इसमें मिर्ची और इस प्राइवेट कंपनी ने मिलकर 15 मंजिली इमारत सेजे हाउस बनाई थी। मिर्ची की जमीन थी और बदले में 2007 में इमारत बनाने वाली कंपनी ने उसे 14 हजार वर्गफुट के तीसरी-चौथी मंजिल के फ्लैट दिए थे।

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ईडी का अनुमान है कि यहां के तीन फ्लैट बेचकर मिर्ची ने 2010 में दुबई में एक होटल खरीदा था। ईडी ने मिर्ची द्वारा अपराध के धन से कमाई 36 संपत्तियों को भारत, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन में चिन्हित किया है। प्रफुल्ल पटेल और उनकी पत्नी मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयरहोल्डर हैं। इस इमारत की 12वीं मंजिल पटेल और उनकी पत्नी की बताई जा रही है।

सवाल यह है कि जब इकबाल मिर्ची के नाम रेड कार्नर नोटिस था तो उसकी पत्नी की कंपनी के साथ कैसे बिजनेस डील की गई। और यह डील क्या थी। आने वाले दिनों में इस मुद्दे के तूल पकड़ने की पूरी संभावना है।

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