बोले नकवी : केंद्र में पारदर्शिता ही गरीबों की प्रगति का पैमाना

Update: 2017-07-10 15:21 GMT

नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार में पारदर्शिता ही गरीबों-जरूरतमंदों की प्रगति का पैमाना है।

नई दिल्ली में मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के निरीक्षण अधिकारियों की कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए नकवी ने कहा कि वह खुद भी सभी योजनाओं की निगरानी कर रहे हैं, ताकि इन योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक बिना किसी परेशानी के एवं पूरी पारदर्शिता के साथ पहुंच सके।

नकवी ने कहा, "अल्पसंख्यक मंत्रालय पूरी तरह से ऑनलाइन-डिजिटल हो गया है। हर योजना डिजिटल कर दी गई है, जिससे बिचौलियों के लिए कोई जगह नहीं रह गई है और हर योजना का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है। छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों का पैसा भी सीधे उनके बैंक खातों में जा रहा है। चाहे वह विकास योजनाएं हो या हज का मामला, अल्पसंख्यक मंत्रालय ने ऑनलाइन-डिजिटल व्यवस्था के माध्यम से पारदर्शिता सुनश्चित की है।"

नकवी ने कहा कि नई योजनाओं की घोषणा से ज्यादा महत्वपूर्ण है, योजनाओं का जमीनी स्तर पर पूरी पारदर्शिता एवं ईमानदारी से कार्यान्वयन। नकवी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि वो आम लोगों से मिल कर योजनाओं के कार्यान्वयन की हकीकत की जानकारी लें।

नकवी ने कहा कि इसी मकसद से उन्होंने 'प्रोग्रेस पंचायत' शुरुआत की ताकि लोगों के बीच जा कर उनकी समस्याओं को सुना जा सके और उनका समाधान किया जा सके।

उन्होंने कहा, "मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के लगभग 280 निरीक्षण अधिकारियों का इस्तेमाल फाउंडेशन की शैक्षिक योजनाओं के अलावा अल्पसंख्यक मंत्रालय की अन्य विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की देखरेख करने के लिए भी किया जाएगा। ये एक तरह से योजनाओं के 'निगहबान' की तरह काम करेंगे।

इन निरीक्षण अधिकारियों में अधिकांश सेवानिवृत्त उच्च प्रशासनिक अधिकारी एवं शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले अनुभवी लोग शामिल हैं। जिनके अनुभव का लाभ मंत्रालय की योजनाओं के कार्यान्वयन में मिलेगा।"



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