MP Elections 2023: दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को दी नसीहत, कहा- अखिलेश के संबंध में नहीं देना चाहिए था ऐसा बयान, मुलायम और सपा मुखिया की तारीफ

MP Elections 2023: मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को नसीहत देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें सपा मुखिया अखिलेश यादव के संबंध में ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-10-25 07:46 GMT

Digvijay Singh 

MP Elections 2023: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें सपा मुखिया अखिलेश यादव के संबंध में ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था। दरअसल कमलनाथ ने अखिलेश यादव के संबंध में सवाल पूछे जाने पर कहा था अरे भाई छोड़ो अखिलेश-वखिलेश को।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अखिलेश यादव के साथ ही उनके पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए दोनों की तारीफ भी की। दिग्विजय ने कहा कि सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे संबंधी बातचीत के दौरान सपा को चार सीट देने पर सहमति बन गई थी मगर पता नहीं कैसे दोनों दलों के बीच हो रही चर्चा की दिशा बिगड़ गई। दिग्विजय सिंह की ओर से दिए गए इस बयान को डैमेज कंट्रोल की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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कमलनाथ को नहीं देना चाहिए था ऐसा बयान

मध्य प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने के बाद अखिलेश यादव ने तमाम सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतार दिए हैं। इस मुद्दे को लेकर अखिलेश और कांग्रेस नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी भी हुई थी। अखिलेश यादव की ओर से हमला किए जाने के बाद कांग्रेस की ओर से कमलनाथ और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने अखिलेश यादव पर तीखी टिप्पणी की थी। कमलनाथ ने तो यहां तक कह दिया था अरे भाई छोड़ो अखिलेश-वखिलेश को।

इस बीच दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि कमलनाथ जी ने अखिलेश यादव के संबंध में इस तरह का बयान कैसे दे दिया मगर किसी के खिलाफ इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए।


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पता नहीं कैसे बिगड़ गई सपा से बातचीत

मध्य प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन संबंधी बातचीत का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने मेरे पास अशोक सिंह को भेजा था। दीप नारायण यादव और उनकी टीम भी आई थी। समाजवादी पार्टी की ओर से छह सीटों की मांग की जा रही थी। सपा से चर्चा के बाद हम चार सीटें उनके लिए छोड़ सकते थे। मैंने इस संबंध में अपना संदेश कमलनाथ जी के पास भेज दिया था। कमलनाथ भी सपा के लिए चार सीटें छोड़ना चाहते थे मगर न जाने कहां बातचीत बिगड़ गई।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान भी मैंने इंडिया गठबंधन के साथियों के साथ संबंध के बारे में सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने इस संबंध में स्टेट लीडरशिप को फैसला करने के लिए अधिकृत कर दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भले ही विपक्ष के सहयोगी दलों के बीच भिड़ंत हो रही हो मगर लोकसभा चुनाव के दौरान हम एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।


मुलायम और अखिलेश यादव की तारीफ

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की तारीफ भी की। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि जब वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उस समय मैं भी मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री था। उनकी मुझ पर काफी कृपा थी और मौजूदा दौर में मुलायम जैसा नेता मिलना मुश्किल है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनसे हमारी हमेशा मुलाकात होती रहती थी। उन्होंने अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए उन्हें शरीफ व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने काफी अच्छे तरीके से मुलायम सिंह की विरासत संभाल ली है।


पोस्टर पर किसी को नहीं होनी चाहिए आपत्ति

दिग्विजय ने कहा कि इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों में भले ही फ्रेंडली फ्लाइट हो रही हो, लेकिन मुझे यह बात अच्छी तरीके से मालूम है कि अखिलेश यादव और सपा कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। अखिलेश को पीएम उम्मीदवार बताए जाने वाले पोस्ट के संबंध में दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि पोस्टर लगाने का अधिकार सभी को हासिल है। सियासी जानकारों का कहना है कि दिग्विजय सिंह की ओर से दिया गया यह बयान डैमेज कंट्रोल की कोशिश है ताकि सपा और कांग्रेस के रिश्तों में और तल्खी न आ सके।

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