देशभर में आज डॉक्टरों की हड़ताल, ये सभी सेवाएं रहेंगी बंद

देश भर में कोरोना वायरस के चलते कई लोगों की जान गई, जिसके बाद अस्पताल ही के मात्र सहारा है। डॉक्टर्स भगवान् बनकर मरीजों की जान बचा रहे हैं। जिसके चलते अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई हैं। लेकिन 11 दिसंबर, यानी आक देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान किया है।

Update: 2020-12-11 03:19 GMT
आज देशभर के डॉक्टरों की स्ट्राइक, ये सेवाए रहेंगी बंद

देश भर में कोरोना वायरस के चलते कई लोगों की जान गई, जिसके बाद अस्पताल ही के मात्र सहारा है। डॉक्टर्स भगवान् बन कर मरीजों की जान बचा रहे हैं। जिसके चलते अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई हैं। लेकिन 11 दिसंबर, यानी आक देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान किया है। शुक्रवार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान किया है।

इस वजह से किया हड़ताल

आपको बता दें, कि IMA ने आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी देने के सरकार के फैसले के चलते डॉक्टरों ने यह कदम उठाया है। हड़ताल के दौरान सभी गैर-जरूरी और गैर-कोविड सेवाएं बंद रहेंगी।

हालांकि, ICU और CCU जैसी इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। वही पहले से तय किए ऑपरेशन नहीं किए जाएंगे। IMA ने यह भी संकेत दिए हैं किआने वाले समय में या आंदोलन तेज़ हो सकता है।

ये सभी सेवाए बंद

IMA की बुलाई हड़ताल के दौरान निजी अस्पतालों में OPD तो बंद रहेंगी, लेकिन सरकारी अस्पताल खुले रहेंगे। निजी अस्पतालों में केवल इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं खुली होंगी। देशभर के निजी अस्पतालों ने हडताल पर चिंता जताई है , साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को सुचारु रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

बता दें, कि आज सभी देशभर के डॉक्टर सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे। कुछ दिन पहले सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि आयुर्वेद के डॉक्टर भी अब जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के साथ आंख, कान, गले की सर्जरी कर सकेंगे।

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मरीजों के साथ खिलवाड़

आईएमए ने कहा है कि सीसीआईएम की अधिसूचना और नीति आयोग की ओर से चार समितियों के गठन से सिर्फ मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा। एसोसिएशन ने अधिसूचना वापस लेने और नीति आयोग की ओर से गठित समितियों को रद्द करने की मांग की है।

केंद्र सरकार के आयुर्वेद के डॉक्‍टरों को सर्जरी की मंजूरी देन के फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध कर रहा है। दोस्त्रों के संगठन आईएमए ने तो सरकार के इस फैसले को मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ तक करार दिया है। साथ ही कहा है कि सरकार अपने इस फैसले को तुरंत वापस लें।

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