अभी-अभी देश में भूकंपः झटके से थर्रा उठी धरती, रिक्टर स्केल पर तीव्रता इतनी
लद्दाख में आज 3.0 तीव्रता का भूकंप आया। फिलहाल झटका धीमा होने से नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। इसके पहले भी लद्दाख में कई बार भूकंप को महसूस किया गया।
लखनऊ: लद्दाख में मंगलवार को फिर एक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.0 मापी गई है।हालंकि शुरुआती जानकारी में किसी तरह के जान माल के नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं है।
लद्दाख में 3.0 तीव्रता का भूकंप
देश में अबतक कई बार भूकंप आ चुका है। लद्दाख में तो पिछले साल से अबतक भूकंप से धरती की थर्राहट को कई बार दर्ज किया गया। इसी कड़ी में आज 3.0 तीव्रता का भूकंप आया। फिलहाल झटका धीमा होने से नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।
नागालैंड में भूकंप के झटकेः
इसके पहले नागालैंड के मोकोकचुंग में रविवार की सुबह भूकंप के झटके को महसूस किया गया। भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई। गनीमत रही कि धरती की थर्राहट में किसी तरह के जान माल की हानि नहीं हुई। हालाँकि लोगों में भूकंप के झटके की वजह से दहशत बनी हुई है।
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हिमाचल में 3 बार थर्राई धरती
बता दें कि इसके पहले हिमाचल प्रदेश में तीन दिनों में तीन बार भूकंप के झटकों को महसूस किया गया। लगातार हिमाचल के अलग अलग इलाकों में भूकंप आया था। हालंकि भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं रही लेकिन बार बार भूकंप आने से चिंता बढ़ गई।
बार-बार आ रहे भूकंप
किन्नौर जिले में भूकंप आया था, उसके पहले चंबा में दिन में भूकंप आया था। चंबा में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मांपी गई थी। इस दौरान किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ। मौसम विभाग के शिमला केंद्र ने भूकंप की पुष्टि की थी।
वहीं 8 मार्च को भी चंबा जिले में भूकंप आया था। उस दिन सुबह 10.20 बजे भूकंप के हल्के झटके को महसूस किया गया। पता चला कि भूकंप की तीव्रता 3.6 रिक्टर स्केल मापी गई थी।
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हिमाचल में सबसे ज्यादा भूकंप
बता दें कि बीते एक वर्ष में देश में लगातार अलग अलग क्षेत्रों में भूकंप आ रहे हैं। पहाडी इलाकों में तो धरती के कंपन के मामले काफी ज्यादा हैं। हिमाचल में सबसे ज्यादा भूकंप चंबा जिले में आते हैं। इसके बाद किन्नौर, शिमला, बिलासपुर और मंडी संवेदनशील जोन में हैं।
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इस बाबत पहले ही शिमला जिले को लेकर चेतावनी जारी हो चुकी है कि यह शहर भूकंप जैसी आपदा के लिए तैयार नहीं है। वहीं वैज्ञानिकों का दावा है कि हिमालय के आसपास घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भूकंप से भारी तबाही मच सकती है।