Earthquake: Delhi-NCR में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.8, अफगानिस्तान के हिंदूकुश में था केंद्र
Earthquake in Delhi-NCR: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में शनिवार (05 अगस्त) की देर शाम भूकंप के झटके महसूस किये गए।
Earthquake in Delhi-NCR: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में शनिवार (05 अगस्त) की देर शाम भूकंप के झटके महसूस किये गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.8 थी। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के हिंदूकुश में भूकंप का केंद्र था। दिल्ली-एनसीआर में शनिवार रात 9 बजकर 31 मिनट पर धरती हिलती महसूस की गई। सहमे लोग घरों से बाहर की तरफ भागे। अपनी कॉलोनियों या आसपास के खुले मैदान में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
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दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में शनिवार देर शाम भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सामने आया है कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश में था। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी झटके महसूस किए गए। आज सुबह ही जम्मू-कश्मीर में ऐसे ही झटके आए थे। हालांकि, अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। आपको बता दें, 5.8 की तीव्रता वाला भूकंप मध्यम तीव्रता का माना जाता है। हालांकि, झटके महसूस होने के बाद लोगों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। लोग घरों से बाहर की तरफ भागे।
पाकिस्तान के कई शहर में हिली धरती
भूकंप के झटके केवल दिल्ली-एनसीआर में ही महसूस नहीं किए गए, बल्कि आसपास के इलाकों से भी खबर आ रही है। अफगानिस्तान के हिंदुकुश के अलावा पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर, पेशावर आदि इलाकों में भी भूकंप आया। हालांकि, अभी तक कहीं से भी किसी प्रकार के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।
14 जून को भी कांपी थी घाटी
साल भर में दिल्ली से जम्मू-कश्मीर तक कई बार धरती हिली। इससे पहले, 14 जून को भी जम्मू कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब किश्तवाड़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, हालांकि उसकी तीव्रता कम थी। 3.3 की तीव्रता का ये भूकंप सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर आया था। उस दिन राज्य में 18 घंटे में तीसरी बार घाटी कांपी थी।
दिल्ली में बड़े भूकंप का अंदेशा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़े भूकंप का अंदेशा लंबे समय से जाहिर किया जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि राजधानी में बड़ी तीव्रता का भूकंप आ सकता है। दरअसल, दिल्ली भूकंपीय क्षेत्रों के जोन- 4 (Zone-4 of seismic zones) में स्थित है। देश को इस तरह के चार जोन में विभक्त किया गया है। जोन-4 में होने के कारण दिल्ली शहर भूकंप का एक भी बड़ा झटका बर्दाश्त नहीं कर सकता। दिल्ली हिमालय के नजदीक है, जो भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना था। धरती के भीतर की इन प्लेटों में होने वाली हलचल की वजह से दिल्ली, कानपुर और लखनऊ जैसे इलाकों में भूकंप का खतरा सबसे अधिक है।