CM गहलोत के भाई को ED ने फिर भेजा नोटिस, मांगा ये जवाब

राजस्थान  के राजनीति हलचल  के बीच ईडी (ED) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत को पूछताछ के लिए दूसरा नोटिस भेजा है। अब अग्रसेन गहलोत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 4 अगस्त को बुलाया गया है।

Update: 2020-07-30 05:16 GMT

जयपुर : राजस्थान के राजनीति हलचल के बीच ईडी (ED) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत को पूछताछ के लिए दूसरा नोटिस भेजा है। अब अग्रसेन गहलोत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 4 अगस्त को बुलाया गया है।

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एक और नोटिस जारी

अग्रसेन गहलोत का बेटा ईडी मुख्यालय आया था। अग्रसेन गहलोत के बारे में उनके बेटे ने ईडी को बताया गया कि उनके पिता की तबियत खराब है इसलिए आज पूछताछ के लिए ईडी मुख्यालय नहीं आए। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रेसन गहलोत बुधवार को ईडी के अधिकारियों के सामने नहीं पहुंचे। ऐसे में ईडी ने उनसे पूछताछ के लिए एक और नोटिस जारी किया है।

बता दें कि अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के घर पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में के चलते ईडी ने छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने कई कागजात जब्त किए थे। ईडी उन्हीं कागजों को दिखाते हुए अग्रसेन गहलोत से पूछताछ करना चाहती है, इस बाबत उन्हें बुधवार को ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए समन किया गया था। हालांकि उनकी खराब तबीयत के चलते उनके बेटे ईडी मुख्यालय पहुंचे।

उनके बेटों ने ED के वरिष्ठ अधिकारियों को अग्रसेन गहलोत की तबीयत खराब होने की जानकारी दी। प्रवर्तन निदेशालय ने अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत को मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। यह मामला फर्टिलाइजर निर्यात में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 22 जुलाई को PMLA के तहत दर्ज मामले में अग्रसेन गहलोत के जोधपुर और कुछ अन्य जगहों पर स्थित घरों की तलाशी ली थी।

 

 

जानें मनी लॉन्ड्रिंग का पूरा मामला

2007-09 के कस्टम डिपार्टमेंट केस में एजेंसी प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ये छापेमारी की गई है। ईसीआईआर (ECIR ) पुलिस की एफआईआर की तरह ही होती है। ये मामला सब्सिडी वाले फर्टिलाइजर म्यूरेट ऑफ पोटाश (MMOP) की खरीद और निर्यात से संबद्धित है और इस मामले में जांच को 2013 में पूरा किया गया था।

अधिकारियों के अनुसार, ईडी ने कस्टम ड्यूटी की एफआईआर और 13 जुलाई के आरोपपत्र को संज्ञान में लेते हुए मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया ताकि अग्रसेन गहलोत, उनकी कंपनी अनुपम कृषि और अन्य द्वारा कथित रूप से संचालित ‘तस्करी गिरोह’ की जांच की जा सके।

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ईडी का कहना है कि मामला धोखाधड़ी कर एमओपी के निर्यात से जुड़ा है। इसे मलेशिया और ताइवान के खरीदारों को इंडस्ट्रीयल केमिकल के नाम पर निर्यात किया गया था। मालूम हो कि देश में किसानों को एमओपी आसानी से उपलब्ध हो सके, इसलिए इसका निर्यात प्रतिबंधित है। इस मामले का खुलासा 2013 में हुआ था। इस मामले में उस समय कस्टम विभाग ने कार्रवाई करते हुए अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर करीब 7 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

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