Assembly Elections Dates: इन राज्यों में मतदान की तारीखों का ऐलान, आचार संहिता लागू
पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा। बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होगा। दूसरे चरण में 1 अप्रैल को मतदान होगा। तमिलनाडु और केरल में महज एक चरण में मतदान होगा। मतदान 6 अप्रैल को होगा। मतगणना दो मई को कराई जाएगी। इसी तरह केरल में भी 6 अप्रैल को ही मतदान होगा।
नई दिल्ली: देश के पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल विधानसभा के लिए होगा जिनकी तारीखों का आज चुनाव आयोग ने एलान कर दिया है। चुनाव आयोग ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा।
बंगाल में 8 चरणों में मतदान
सीईसी सुनील अरोड़ा ने बताया कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होगा। दूसरे चरण में 1 अप्रैल को मतदान होगा। तीसरे चरण में 6 अप्रैल, चौथे चरण में 10 अप्रैल, पांचवें चरण में 17 अप्रैल, छठे चरण में 22 अप्रैल, सातवें चरण में 26 अप्रैल और आठवें चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा। जबकि मतगणना 2 मई को की जाएगी।
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पुडुचेरी में 6 अप्रैल को मतदान
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में एक चरण में मतदान होगा। नतीजे 2 मई को आएंगे।
चुनाव की अधिसूचनाः 12 मार्च
नामांकन की आखिरी तिथिः 19 मार्च
नामांकन पत्रों की जांचः 28 मार्च
नाम वापसी की तिथिः 22 मार्च
मतदान की तिथिः 6 अप्रैल
मतगणना की तिथिः 2 मई को आएंगे नतीजे।
तमिलनाडु और केरल में 1 चरण में मतदान-
तमिलनाडु और केरल में महज एक चरण में मतदान होगा। मतदान 6 अप्रैल को होगा। मतगणना दो मई को कराई जाएगी। इसी तरह केरल में भी 6 अप्रैल को ही मतदान होगा।
असम में चुनाव-
-असम में 3 चरणों में होंगे मतदान
असम में विधानसभा चुनाव 3 चरणों में होंगे। मतगणना 2 मई को होगी।
पहला चरण-47
चुनाव की अधिसूचनाः 2 मार्च
नामांकन की आखिरी तिथिः 9 मार्च
नामांकन पत्रों की जांचः 10 मार्च
नाम वापसी की तिथिः 12 मार्च
मतदान की तिथिः 27 मार्च
मतगणना की तिथिः 2 मई को आएंगे नतीजे।
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टोल फ्री हेल्पलाइन
-चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे। टोल फ्री हेल्पलाइन से मतदाता अपना नाम सूची में तलाश सकते हैं। मतदाता ऑनलाइन अपना वोटर कार्ड भी निकाल सकते हैं।
-सभी पोलिंग बूथ पर पानी, शौचालय और वेटिंग रूम होगा। साथ में व्हील चेयर भी होगा। आयोग के एलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है।
सेंट्रल आब्जर्वर भेजे जाएंगेः सुनील अरोड़ा
-सीईसी सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव के दौरान स्पेशल, जनरल, खर्च और पुलिस ऑब्जर्वर तैनात होंगे। कई बार जरूरी होने पर चुनाव आयोग जिला ऑब्जर्वर पर निगरानी के लिए सेंट्रल आब्जर्वर भी भेजता है।
-उन्होंने कहा कि विवेक दुबे को पश्चिम बंगाल, दीपक मिश्रा को केरल, धर्मेंद्र कुमार को तमिलनाडु में स्पेशल पुलिस ऑब्जर्वर बनाकर भेजा जा रहा है।
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चुनाव प्रचार सम्बंधित-
-घर-घर चुनाव प्रचार के लिए 5 लोगों के साथ में जाने की अनुमति होगी।
मतदान कर्मियों को फ्रंट वर्कर माना जायेगा-चुनाव आयोग
-सीईसी सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव के दौरान नियमों का पालन जरुरी होगा। घर-घर चुनाव प्रचार के लिए 5 लोगों के साथ में जाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया ऑनलाइन भी होगी। ग्राउंड फ्लोर सभी मतदान केंद्र होंगे। पश्चिम बंगाल में अजय नाईक पर्यवेक्षक होंगे।
-चुनाव का समय एक घंटा बढाया गया है और सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही रखे जायेंगे।
- चुनाव आयोग ने कहा कि सभी चुनाव अधिकारीयों का टीकाकरण होगा।
-मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा कि हमने सभी चुनाव वाले राज्यों का अनेक बार दौरा किया। 31 मई को असम की विधानसभा का कार्यकाल खत्म होगा तो 24 मई को तमिलनाडु विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
-इन राज्यों के 824 विधानसभा क्षेत्र में 86 करोड़ मतदाता 2.7 लाख बूथ पर मतदान करेंगे।
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5 राज्यों में चुनाव चुनौती भरेः सुनील अरोड़ा
-मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा कि हमारे लिए मतदाताओं को सुरक्षित, मजबूत और जागरूक रखना सबसे बड़ा काम है। हमने कोरोना दौर में राज्यसभा की 18 सीटों के लिए चुनाव की शुरुआत की। फिर बिहार चुनाव कराया।
-अब ये पांच विधान सभा चुनाव ज्यादा चुनौती भरे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव के दौरान कई कर्मचारी और अधिकारी तो कोविड संक्रमण की चपेट में आए। ठीक हुए और फिर चुनावी ड्यूटी निभाई। हमने ऐसे कई कोरोना वीरों को राष्ट्रपति से पुरस्कार दिलाया। उनका सम्मान किया।
कोरोना को ध्यान में रखते हुए चुनाव होंगेः CEC
-मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि 2021 ने वैश्विक समुदाय की एकजुटता और समझ में लचीलापन बनाया है। हमें उम्मीद की कहानियों से राहत मिलेगी।
-उन्होंने कहा कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए ये चुनाव होंगे। कोरोना योद्धाओं को सलाम। मतदाताओं की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। चुनाव के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन होगा।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू
-पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों को लेकर चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस शुरू हो गयी है
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चुनाव आयोग की पीसी शुरू
चुनाव आयोग की पीसी शुरू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पीसी शुरू कर दी है।
यहां जानें किस राज्य में कितनी सीटों पर होंगे चुनाव-
बंगाल की 294 सीटों पर चुनाव
बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें है, जिन पर चुनाव होना है। पिछले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस थे, जो सिर्फ 44 सीट जीतने में कामयाब हो पाई थी। 2016 के चुनाव में बीजेपी सिर्फ तीन सीट जीती थी, लेकिन इस बार का मुकाबला टीएमसी और बीजेपी के बीच ही बताया जा रहा है।
असम की 126 सीटों पर होगा चुनाव
असम की 126 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाला है। 2016 में हुए चुनाव में यहां बीजेपी ने सरकार बनाई थी। उसके 86 प्रत्याशी जीते थे, जबकि लंबे समय तक असम की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस महज 26 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार असम की लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन के बीच ही है।
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तमिलनाडु की 232 सीटों पर होगा चुनाव
बंगाल और असम के अलावा तमिलनाडु में चुनाव होना है। यहां की 232 सीटों पर चुनाव होगा। 2016 में एआईडीएमके ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 136 सीटों पर अपना परचम फहराया था। वहीं, डीएमके 98 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की सियासत काफी बदल गई है।
पुडुचेरी में इन दिनों राष्ट्रपति शासन, 30 सीटों पर होगा चुनाव
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में इन दिनों राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, क्योंकि वहां की कांग्रेस सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई है। पुडुचेरी में 30 सीटों पर चुनाव होता है, जबकि विधानसभा के तीन सदस्य नामित होते हैं। 2016 के चुनाव में कांग्रेस 15 सीटों पर जीती थी और डीएमके साथ मिलकर सत्ता में आई थी। जबकि मुख्य विपक्षी दल एआईएनआरसी 8 सीटें ही जीत पाई थी।
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140 सीटों पर केरल में होगा चुनाव
केरल की 140 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। 2016 के चुनाव में वामदलों की अगुवाई वाली एलडीएफ ने 91 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाई थी, वहीं कांग्रेस की अगुवाई यूडीएफ 47 सीट जीतने में कामयाब हुई थी। इस बार भी लड़ाई एलडीएफ और यूडीएफ के बीच ही है।
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