किसी भी तरह चुनाव जीतने पर आमदा पॉलिटिकल पार्टियां : चुनाव आयुक्त
चुनाव आयुक्त ओ. पी. रावत ने राजनीतिक नैतिकता के नए मापदंड के उभरने की आलोचना की है। लोकतंत्र तभी फूलता-फलता है जब चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हों।
नई दिल्ली: चुनाव आयुक्त ओ. पी. रावत ने राजनीतिक नैतिकता के नए मापदंड के उभरने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी फूलता-फलता है जब चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हों। चुनाव आयुक्त रावत ने यह बार शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा आयोजित कार्यक्रम “कंसल्टेशन ऑन इलेक्टोरल एंड पोलिटिकल रिफॉर्म्स” में कही।
और क्या कहा चुनाव आयुक्त ने ?
-राजनीति में एक नई स्क्रिप्ट गढ़ी जा रही है।
-जिसमें पॉलिटिकल पार्टियां नैतिकता को पूरी तरह ताक पर रखकर किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने पर आमदा हैं।
-इस स्क्रिप्ट में विधायकों के शिकार को चतुर राजनीतिक प्रबंधन बताकर इसकी प्रशंसा की जाती है।
-प्रलोभन के लिए धनबल का इस्तेमाल किया जाता है।
-चुनाव जीतने वाले ने कोई पाप नहीं किया होता क्योंकि चुनाव जीतते ही उसके सारे पाप धुल जाते हैं।
-राजनीति में अब ये सामान्य स्वभाव बन चुका है।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस सबसे मुक्ति के लिए सभी राजनीतिक दलों, राजनेताओं, मीडिया और समाज के अन्य लोगों को बेहतर चुनाव के लिए योगदान देना चाहिए।