चुनावी महाकुंभ 2024- अप्रैल से शुरू हो जाएंगे राज्यों के चुनाव, बहुत लंबा है सिलसिला
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का कार्यकाल 26 मई 2021 को खत्म हो जाएगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडाप्पडी पलानिस्वामी यहां भी विधानसभा का कार्यकाल मई 2021 तक है। इसके साथ ही पुडुचेरी और जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव होने हैं।
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ: 2024 के चुनावी कुंभ महाकुंभ का पर्व शुरू हो चुका है। हर पांच छह महीने के अंतराल में लोगों को चुनावी कुंभ की झलकियां अब लगातार मिलती रहेंगी। 2021 में छह राज्यों में चुनाव होने हैं। असम में सर्बानंद सोनोवाल का कार्यकाल 16 मई 2021 को खत्म हो रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन का कार्यकाल 25 मई 2021 तक है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का कार्यकाल 26 मई 2021 को खत्म हो जाएगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडाप्पडी पलानिस्वामी यहां भी विधानसभा का कार्यकाल मई 2021 तक है। इसके साथ ही पुडुचेरी और जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसके तत्काल बाद 2022 में उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव की हलचल शुरू हो जाएगी और जब तक यह पूरी होगी। 2024 के आम चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी होगी।
कोरोना महामारी के बीच हुआ बिहार विधानसभा का चुनाव
बात 2020 की करें तो इस साल कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में जो सबसे बड़ा चुनाव हुआ वो था बिहार विधानसभा का चुनाव। इसके अलावा भी देश में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात सहित 11 राज्यों के 58 सीटों पर नवंबर 2020 में चुनाव हुए। इन सभी चुनावों में एनडीए ने बाजी मारी थी। चुनाव आयोग ने कोरोना काल में कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन करते हुए चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाई थी। आयोग अब इस साल भी पश्चिम बंगाल सहित 6 राज्यों में चुनाव समय पर कराने के लिए कमर कसे है।
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फरवरी-मार्च 2022 में पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव होंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा के चुनाव होंगे। इन पांच सूबों के चुनाव के छह-सात महीने बाद ही नवंबर-दिसंबर 2022 में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे। बात करें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की जहां पर इस समय राजनीतिक हलचल और उठापटक अपने चरम पर है तो यहां 294 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव 2021 में होने हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का कार्यकाल 26 मई 2021 को खत्म हो जाएगा।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव
ममता बनर्जी का कार्यकाल 27 मई 2016 से 26 मई 2021 तक है। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने 2016 में सबसे ज्यादा 211 सीटें, कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने सिर्फ 3 सीटें जीती थीं। बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए।
केरल विधानसभा का चुनाव भी 2021 में होना है। राज्य में विधानसभा की 140 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 71 है। मौजूदा समय में यहां सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है और सीएम पिनाराई विजयन हैं। पिछले चुनाव में LDF ने 91, कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने 47 सीटें जीती थीं।
असम विधानसभा चुनाव अप्रैल में संभावित हैं। राज्य में विधानसभा की 126 सीटें हैं। बहुमत के लिए 64 सीटे चाहिए होती है। यहां फिलहाल एनडीए की सरकार है और सीएम हैं सर्वानंद सोनोवाल हैं। सोनोवाल का कार्यकाल 24 मई 2016 से 23 मई 2021 तक है। 2016 के पिछले चुनाव में बीजेपी 89 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसने 60 सीटें जीती थीं। असम गण परिषद ने 14 सीटें और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट ने 12 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 26 सीटें जीत पाई थी।
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तमिलनाडु विधानसभा में मई 2021 में चुनाव होंगे
तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटे हैं। जिसके लिए मई 2021 में चुनाव होंगे। बहुमत के लिए 118 सीटें चाहिए। यहां ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम की सरकार है। राज्य के सीएम इ पलानीस्वामी हैं। पिछले चुनाव में एआईएडीएमके ने 136 सीटे और डीएमके ने 89 सीटें जीती थीं। राज्य में जयललिता और एम. करुणानिधि के बाद यह पहला विधान सभा चुनाव है इसलिए महत्वपूर्ण है। जयललिता का 2016 में और करुणानिधि का 2018 में निधन हो गया था।
केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में विधानसभा की कुल 30 सीटें हैं। बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। यहां फिलहाल कांग्रेस की सरकार है। वी नारायणसामी मुख्यमंत्री हैं। पिछले 2016 के चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 15 सीटें जीती थीं। वहीं ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थीं।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में भी 2021 में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। लद्दाख डिवीजन जम्मू और कश्मीर से अलग होने के बाद, विधानसभा की कुल सीटों की संख्या 87 से घटकर 83 रह गई है, लेह, कारगिल, जांस्कर, और नुब्रा की चार सीटें अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा का हिस्सा नहीं होंगी। इसलिए यहां का चुनाव भी महत्वपूर्ण है।
इसके बाद फरवरी-मार्च 2022 में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा के चुनाव होंगे। इन पांच सूबों के चुनाव के छह-सात महीने बाद ही नवंबर-दिसंबर 2022 में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे।
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चुनावी पर्व के इस लंबे चक्र का समापन अ्रप्रैल-मई 2024 में
2023 में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा का कार्यकाल मार्च में पूरा हो रहा है और वहां चुनाव होंगे। वहीं इसके दो महीने बाद ही मई में कर्नाटक का चुनाव होगा। राज्यों के चुनावी उत्सव का यह चक्र दिसंबर 2023 में अपने चरम पर पहुंचेगा जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, राजस्थान और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों के चुनाव होंगे। इन राज्यों का चुनाव एक तरह से आम चुनाव का सेमीफाइनल होगा। चुनावी पर्व के इस लंबे चक्र का समापन अ्रप्रैल-मई 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ होगा। इसलिए सभी लोगों को चुनाव के 2024 के महाकुंभ में डुबकी लगाने से पहले पड़ने वाले राज्यों के मुख्य स्नान पर्वों का आनंद लेना चाहिए। और सत्ता परिवर्तन या वर्तमान सत्ता पर भरोसा सोच समझकर करना चाहिए।
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