Election Symbols Freeze: दलों के आपसी झगड़े में कई बार फ्रीज हो चुके हैं चुनाव चिन्ह
Election Symbols Freeze: राजनीतिक दलों में दो फाड़ होने के साथ प्रतीक चिन्हों को लेकर कई विवाद हो चुके हैं।
Election Symbols Freeze: चुनाव चिन्ह किसी राजनीतिक दल को आवंटित एक मानकीकृत प्रतीक होता है। सिर्फ चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को मान्यता देने और चुनाव चिह्न आवंटित करने का अधिकार है। चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 15 के तहत चुनाव आयोग प्रतिद्वंद्वी समूहों या किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के वर्गों के बीच विवादों का फैसला कर सकता है और इसके नाम तथा चुनाव चिह्न पर निर्णय कर सकता है। आदेश के तहत विवाद या विलय के मुद्दों का फैसला करने के लिये निर्वाचन आयोग एकमात्र प्राधिकरण है। सुप्रीमकोर्ट ने भी यही कहा हुआ है।
अब हुए हैं कई विवाद
राजनीतिक दलों में दो फाड़ होने के साथ प्रतीक चिन्हों को लेकर कई विवाद हो चुके हैं।
- लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी में उत्तराधिकार की लड़ाई का परिणाम अंतत: पार्टी के विभाजन रूप में हुआ। 1969 में कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में टूट गई। पहले लोकसभा चुनाव से कांग्रेस का चुनाव चिह्न दो बैलों की जोड़ी रहा। विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस के चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया। इसके बाद कामराज के नेतृत्व वाली कांग्रेस (ओ) को तिरंगे में चरखा, जबकि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस (आर) को गाय और बछड़ा चिन्ह दिया था।
- आपातकाल के बाद हुए 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 153 सीटें ही मिली थी। उस समय कांग्रेस के चुनाव चिन्ह 'गाय और बछड़े' को चुनाव आयोग ने निरस्त कर दिया था। आज की 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' तब 'कांग्रेस आर' के नाम से जानी जाती थी। कांग्रेस ने जनवरी 1978 को चुनाव चिह्न पंजे में बदल दिया था।
- जुलाई 1997 में लालू यादव ने जनता दल से अलग हो कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) बना ली थी। लालू ने जनता दल के चक्र चुनाव चिह्न पर दावा जताया लेकिन उन्हें मिला नहीं। 1998 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें लालटेन का सिंबल मिला।
- 1994 के आआंध्रप्रदेश के विधानसभा चुनाव में एनटी रामाराव ने तेलुगु देशम के साइकिल के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल की। लेकिन 1995 में उनके दामाद चंद्रबाबू नायडु ने पार्टी की कमान छीन ली। इसके बाद हुए सिंबल विवाद में दिसंबर 1995 को तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने चंद्रबाबू के हक में फैसला सुनाया।
- 2021 में चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के 'बंगले' चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया था। क्योंकि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान और पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने अलग अलग गुट बना लिए थे। बिहार के उपचुनाव के ठीक पहले आयोग ने प्रतीक चिन्ह फ्रीज कर दिया था।