सावधान हो जाएं: 24 घंटे में सैकड़ों बार गिर रही बिजली, भूल कर न करें ये काम

उत्तर प्रदेश और बिहार में बीते 24 घंटे में आकाशीय बिजली ने अपना कहर बरपाया है। दोनों राज्यों के लगभग 31 जिलों में 116 लोगों की मौत हो गई।

Update: 2020-06-26 12:54 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश और बिहार में बीते 24 घंटे में आकाशीय बिजली ने अपना कहर बरपाया है। दोनों राज्यों के लगभग 31 जिलों में 116 लोगों की मौत हो गई। देश में हर साल देश आकाशीय बिजली गिरने से हजारों लोगों की मौत होती है। बात करें अगर 2017 की तो इसमें 2885 और 2018 में 2357 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई थी। ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिरकार ये बिजली क्यों गिरती है? क्यों इसकी वजह से लोगों की जान जाती है।

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एक दिन में करीब 50 से 100 बार बिजली गिरती

गौरतलब है कि बिजली गिरना एक प्राकृतिक घटना है। अगर पूरी दुनिया में गिरने वाली बिजलियों को देखा जाए तो औसत एक दिन में करीब 50 से 100 बार बिजली गिरती है।

बता दें, आसमान से गिरने वाली बिजली का तापमान कई बार सूरज के तापमान से भी ज्यादा होती है। यह सामान्यत 17 हजार डिग्री सेल्सियस से 27 हजार डिग्री सेल्सियस तक होती है। वहीं सूरज का औसत तापमान 5505 डिग्री से लेकर 10 हजार डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

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बिजली गिरने की स्पीड काफी ज्यादा

ऐसे में आकाश से धरती पर बिजली गिरने की स्पीड काफी ज्यादा होती है। इसकी स्पीड लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की होती है मतलब की 84 किलोमीटर प्रति सेकेंड।

मौसम के बदलने पर बादल में जब बिजली बनती है जब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है। जिससे जमीन का ऊपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है।

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इस वजह से ऊंची मीनारें, टावर, इमारतें जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं तब पॉजिटिव को बादल खींचते हैं तभी बिजली नीचे की ओर आती है और ऊंची-ऊंची इमारतों पर ज्यादा गिरती हैं।

बिजली कड़ते समय ये ध्यान दें...

ध्यान देने वाली बात ये है कि बिजली गिरते समय उससे बचने के लिए कुछ जरूरी काम हैं, जो सभी को करने चाहिए। ऐसे में अगर आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लेने चाहिए।

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बता दें, ये इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है। जहां हैं वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।

इसके बाद दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें। जमीन पर कभी न लेटें। बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे, छत, बिजली पोल और लोहे की चीजों से दूर रहें।

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