सेना में भर्ती आसान: आम नागरिकों को सुनहरा मौका, जल्द होगा फैसला

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया, "एक प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है जिसके तहत आम नागरिकों को राष्ट्र की सेवा करने के लिए तीन साल की टूर ड्यूटी की अनुमति दी जाएगी।"

Update: 2020-05-13 12:45 GMT

नई दिल्ली। देश में चल रही पुराने कायदे-कानून में फेल-बदल करते हुए भारतीय सेना ने 3 साल के लिए 'टूर ऑफ ड्यूटी' के लिए आम नागरिकों को अपनी संस्था यानी आर्मी में शामिल होने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया, "एक प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है जिसके तहत आम नागरिकों को राष्ट्र की सेवा करने के लिए तीन साल की टूर ड्यूटी की अनुमति दी जाएगी।"

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भारतीय सेना के इस प्रस्ताव के बारे में बात करने पर सेना के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है। यह प्रस्ताव देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को अपनी ओर आकर्षित करने के भारतीय सेना के प्रयासों का हिस्सा है। वर्तमान में, जो सबसे छोटा कार्यकाल है, वह शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिए 10 साल का है।

लघु सेवा आयोग को बढ़ाकर 10 साल

सूत्रों से मिली जानकारी में ये भी कहा कि युवाओं के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए बल के शीर्ष अधिकारियों द्वारा लघु सेवा आयोग की समीक्षा भी की जा रही है।

भारतीय सेना बीते कई वर्षों से अधिकारियों की कमी का सामना कर रही है और जल्द से जल्द इसे दूर करना चाहती है। लघु सेवा आयोग को पहले 5 साल की न्यूनतम सेवा के साथ शुरू किया था लेकिन फिर इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसे 10 साल तक बढ़ा दिया गया था।

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अर्धसैनिक बलों की कैंटीन में स्वदेशी फूड

साथ ही इससे पहले पीएम मोदी की स्वदेशी सामान पर जोर देने की अपील के बाद गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कैंटीनों और स्टोरों पर अब सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री के आदेश जारी कर दिए हैं।

आपको बता दें कि ये भी बताया जाता है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 10 लाख जवानों के परिवार के 50 लाख सदस्य इन कैंटीन का इस्तेमाल करते हैं।

वहीं 01 जून 2020 से देशभर की सभी CAPF कैंटीनों पर यह फैसला लागू होगा, जिसकी कुल खरीद लगभग 2800 करोड़ रुपये के लगभग है। इससे लगभग 10 लाख CAPF कर्मियों के 50 लाख परिजन स्वदेशी उपयोग करेंगे। हालांकि आम नागरिकों के आर्मी प्रस्ताव को लेकर अभी विचार चल रहा है।

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