इन 5 पॉइंट्स में जानिए, कैसे किसानों को मजबूत करेगा नया कृषि कानून

कृषि क्षेत्र में निजी व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। कोल्ड स्टोर व खद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकीकरण में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

Update: 2020-12-10 12:27 GMT
गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अच्छे बीज और दवाओं का खेती में प्रयोग होगा। खेती में आधुनिक मशीनों का प्रयोग होगा तो कृषि में लागत भी कम होगी।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आन्दोलन जारी है। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अब तक की सभी बातचीत बेनतीजा रही है।

किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती हैं तब तक वे अपना आन्दोलन खत्म नहीं करेंगे।

पंजाब, यूपी और बिहार समेत दूसरे राज्यों से आए किसानों ने दिल्ली को चारों तरफ से घेर रखा है। सरकार की तरफ से किसानों को मनाने की लगातार कोशिशें भी की जा रही हैं। लेकिन किसान सरकार की बात मानने को तैयार नहीं हैं।

किसान(फोटो:सोशल मीडिया)

इसी कड़ी में देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके कहा है कि तीनों कृषि कानून मंडी की जंजीरों से मुक्ति के लिए बनाए गए हैं। सभी कानून किसान हित में हैं। सरकार किसानों के साथ खुले मन से चर्चा को तैयार है।

तो आइये 5 पॉइंट्स के जरिये इस बात को समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर कैसे ये तीनों कृषि कानून किसानों के लिए आगे चलकर फायदेमंद साबित होने वाले हैं।

किसान(फोटो:सोशल मीडिया)

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1. उत्पादन के हिसाब से मिलेगा भाव

नये कृषि कानून के तहत किसान अपनी फसल को अन्य राज्यों में जाकर बेच सकेंगे। इससे उन्हें उत्पादन के हिसाब से अच्छा भाव मिलेगा। इससे भावी पीढ़ी का भविष्य संवरेगा। खेती के प्रति युवा पीढ़ी का रुझान बढ़ेगा।

2.बाजार की अनिश्चितता का जोखिम किसानों पर नहीं रहेगा

नये कृषि कानून के तहत फसल की बोआई से पहले किसान को अपनी फसल को तय मानकों और तय कीमत के अनुसार बेचने का अनुबंध करने की सुविधा मिलेगी। बाजार की अनिश्चितता का जोखिम किसानों पर नहीं रहेगा।

किसान (फोटो:सोशल मीडिया)

3.बिचौलियों की समस्या दूर होगी, आय बढ़ेगी

इस कानून का सबसे बड़ा फायदा ये है कि किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अनाज की अधिक पैदावार होने पर वे खुद किसी भी राज्य में जाकर अपनी फसल के दाम का सीधे-सीधे मोलभाव कर सकेंगे। इससे उनकी इनकम सीधे-सीधे बढ़ जाएगी।

अभी तक सरकारी दर पर धान बेचने के बाद शेष बची उपज का सही दाम मंडियों में नहीं मिल पाता है। इससे किसानों को फसल की पूरी लागत नहीं मिलती। नतीजतन 50 फीसदी किसानों को साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है।

किसान सालभर जीतोड़ मेहनत करने के बाद भी कर्जदार बना रहता है। नये कानून से सभी वर्ग के किसानों की आय में बढोत्तरी होगी। कृषि उपज मंडियों में बिचौलियों को फसल बेचने के लिए किसानों को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

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4. अनाज उत्पादन व शोध कार्यों को और अधिक बढ़ावा मिलेगा

खास बात ये है कि नए कानून से बेहतर उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि अगर किसानों को उनकी फसल की अच्छी रकम मिलने लगेगी तो निश्चित है किसान आगे चलकर अपनी फसल की पैदावर बढ़ाने पर विचार करेगा।

इसके अलावा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अच्छे बीज और दवाओं का खेती में प्रयोग होगा। खेती में आधुनिक मशीनों का प्रयोग होगा तो कृषि में लागत भी कम होगी।

अनुबंधित किसानों को सभी प्रकार के आधुनिक कृषि उपकरण मिल पाएंगे। खेत में ही उपज की गुणवत्ता जांच, ग्रेडिंग, बैगिंग व परिवहन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

किसान(फोटो:सोशल मीडिया)

5. कृषि क्षेत्र में निजी व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा

कृषि क्षेत्र में निजी व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। कोल्ड स्टोर व खद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकीकरण में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

किसानों की फसल बर्बाद नहीं होगी और उन्हें समुचित कीमत मिलेगी। जब सब्जियों की कीमत दोगुनी हो जाएगी या खराब न होने वाले अनाज का मूल्य 50 फीसद बढ़ जाएगा तो सरकार भंडारण की सीमा तय कर देगी। इस प्रकार किसान व खरीदार दोनोेंं को फायदा होगा।

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