फेसबुक ने भारत में जारी किए राजनीतिक विज्ञापन के लिए दिशा निर्देश, जानिए क्या है ये गाइडलाइन

फेसबुक आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक विज्ञापनों के मामले में पारदर्शिता लाने के लिये विज्ञापनों के साथ स्पष्टीकरण की शुरुआत करने जा रहा है। फेसबुक ने गुरुवार को अपने प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले राजनीतिक विज्ञापनों के तरीकों में बदलाव का ऐलान किया है।

Update: 2019-02-08 09:10 GMT

नई दिल्ली: फेसबुक आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक विज्ञापनों के मामले में पारदर्शिता लाने के लिये विज्ञापनों के साथ स्पष्टीकरण की शुरुआत करने जा रहा है। फेसबुक ने गुरुवार को अपने प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले राजनीतिक विज्ञापनों के तरीकों में बदलाव का ऐलान किया है।

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फेसबुक ने कहा कि अब राजनीतिक विज्ञापनों के ऊपर यह जानकारी रहेगी कि किसने विज्ञापन प्रकाशित किया है या उसके लिये किसने भुगतान किया है। कंपनी के सार्वजनिक नीति निदेशक (भारत और दक्षिण एशिया) शिवनाथ ठुकराल ने कहा, लोगों को विज्ञापन के साथ विज्ञापनदाता या उसके लिये भुगतान करने वाले की भी जानकारी मिलेगी।

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डिस्क्लेमर के लिए अधिकृत विज्ञापन दाता विज्ञापन के लिए अपना नाम, उनके द्वारा संचालित पेज या अन्य संस्था का नाम बता सकते हैं। अगर वे किसी अन्य संस्था का नाम लेते हैं तो फेसबुक उनसे फोन नंबर, ईमेल और वेबसाइट या भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिए गए मीडिया प्रमाणीकरण और निगरानी समिति प्रमाण पत्र जैसी अतिरिक्त जानकारी मांग सकता है।

आने वाले हफ्तों में लोग उन व्यक्तियों की कंट्री लोकेशन देख सकेंगे, जो नाजनीतिक विज्ञापन चलाने वाले पेज मैनेज करते हैं। फेसबुक का कहना है कि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि पेज आखिर कहां का है।

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इस साल मार्च में भारत के पास खुद की Ad लाइब्रेरी रिपोर्ट होगी। इससे लाइब्रेरी में ऐड के इनसाइट्स को देखने में मदद मिलेगी। फेसबुक ने कहा है कि ये फीचर्स 21 फरवरी तक आ जाएंगे।

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