किसान आंदोलन: खुफिया एजेंसियों का चौंकाने वाला खुलासा, जानकर उड़ जाएंगे होश

रिपोर्ट में बताया गया है कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और प्रो-लेफ्ट विंग के चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है।

Update: 2020-12-11 13:52 GMT
गुरुवार को राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के मौके पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने दिल्ली के पास बाबा बंदा सिंह बहादुर नगर में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में लेफ्ट पार्टियों के गिरफ्तार लोगों की फोटो लगाकर केंद्र सरकार से रिहाई की मांग की गई। 

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का रुख अब लेफ्ट की तरफ झुकने लगा है। गुरुवार को राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के मौके पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने दिल्ली के पास बाबा बंदा सिंह बहादुर नगर में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में लेफ्ट पार्टियों के गिरफ्तार लोगों की फोटो लगाकर केंद्र सरकार से रिहाई की मांग की गई।

इस बीच टिकरी बॉर्डर पर राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कई आरोपियों के पोस्टर और उनकी रिहाई की मांग की तस्वीर वायरल हो रही है। केंद्र सरकार ने एक ओर जहां इसकी खुले तौर पर आलोचना की है ।

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खुफिया सूत्रों के अनुसार किसान आंदोलन से जुड़ी एक रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और प्रो-लेफ्ट विंग के चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है।

विश्वसनीय खुफिया इनपुट

खबरों के मुताबिक इस बात के विश्वसनीय खुफिया इनपुट हैं कि ये तत्व किसानों को हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने की योजना बना रही हैं।

इस मुद्दे पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग किसान आंदोलन को ओवरटेक करने में लगा है। यह एक भयावह स्थिति है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि शायद इन्हीं लोगों की वजह से बातचीत फेल हो रही है। ये लोग राष्ट्र की संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं।

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उगराहां ने कहा सारे पोस्टर हमारे है...

टिकरी बॉर्डर पर गुरुवार को शारजील इमाम, गौतम नवलखा और उमर खालिद के पोस्टर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी कहा कि एमएसपी, एएमपीसी किसानों का मुद्दा हो सकता है, लेकिन इस तरह के पोस्टर और इस तरह के मुद्दे को उठाने का क्या मतलब है।

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उन्होंने कहा कि कोर इश्यू से मुद्दे को भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के नेता झंडा सिंह का कहना है कि ये सिर्फ हमारे संगठन की ओर से पोस्टर लगाए गए थे। ये सभी बुद्धिजीवी हैं और हमारी मांग है कि जिन बुद्धिजीवियों को जेल में डाला गया है, उन्हें रिहा किया जाए।

पूरा मामला

किसान आंदोलन के बीच गुरुवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी।इन सभी को झूठे केसों में अंदर डाला गया है, ऐसे में सरकार को इन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए। अन्य किसान नेताओं ने इस पोस्टर की जानकारी होने से इनकार किया।

 

 

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