गणतंत्र दिवस हिंसा: SC ने सुनवाई से किया इनकार, पढ़ें पूरी खबर

सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा की जांच को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वो सरकार के सामने ये अपील करें।

Update: 2021-02-03 07:26 GMT
गणतंत्र दिवस हिंसा: SC ने सुनवाई से किया इनकार, पढ़ें पूरी खबर

नई दिल्ली: दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान बीते दो महीने से नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद भले ही इस प्रदर्शन के भविष्य पर सवाल खड़े होने लगे थे, लेकिन एक बार फिर से इस आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली है।

सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा की सुनवाई करने से किया इनकार

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा की जांच को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वो सरकार के सामने ये अपील करें। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि हमें उम्मीद है कि इस मामले में सरकार एक्शन ले रही है, ऐसे में हम इसमें दखल नहीं देना चाहते हैं। इसलिए आप सरकार के सामने ये अपील करिए।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

141 वकीलों ने चीफ जस्टिस से की ये अपील

वहीं, करीब 141 वकीलों द्वारा चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे को चिट्ठी लिखकर किसान आंदोलन के आसपास हुए इंटरनेट बैन, दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान पुलिस की नाकामी की जांच के मामले में सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की अपील की है। वहीं, दूसरी ओर लंदन में भी भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर एक ओपन पेटिशन शुरू की गई है, जिसे गुरचरण सिंह ने स्टार्ट किया है।

इस याचिका में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा, प्रेस फ्रीडम की अपील की गई है। साथ ही भारत की सरकार से अपील की गई है। अगर इस पेटिशन में लाखों हस्ताक्षर होते हैं तो फिर ब्रिटिश संसद में ये मुद्दा उठ सकता है।

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राकेश टिकैत ने कहा- पूरे मामले की हो जांच

वहीं, वहीं, गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, हमारा किसान किसी पर हमला नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो भी गया, उन्हें रास्ता क्यों दिया गया। किसान नेता का कहना है कि लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने की साजिश रचकर किसान और सिखों को बदनाम करने की कोशिश की गई है।

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