किसानों का बड़ा एलान, धरनास्थल पर बनाएंगे झोपड़ियां, केंद्र सरकार की मुसीबतें बढ़ी

किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं पूरी होती हैं। वे अपने घर वापस लौट कर नहीं जाने वाले हैं। इस बार किसान अपने साथ रहने और खाने -पीने का पूरा सामान लेकर आये हैं।

Update: 2020-11-30 08:16 GMT
केंद्र सरकार की तरफ से एडवोकेट हरीश साल्वे ने कोर्ट के अंदर पक्ष रखा। हरीश साल्वे ने कहा कि इस प्रदर्शन के कारण दिल्लीवासी प्रभावित हुए हैं।

नई दिल्ली: कृषि बिल के विरोध में किसानों का आन्दोलन जारी है। किसानों के आन्दोलन का आज पांचवा दिन है। धीरे-धीरे किसानों का आन्दोलन अब जोर पकड़ने लगा है।

पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली को चारों तरफ से घेर रखा है। दिल्ली आने वाले रास्तों पर भयंकर जाम लग रहा है। इस वजह से आने जाने वाले लोगों को खासा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।

किसान सड़क पर ही जमे हुए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से किसानों का आन्दोलन समाप्त करने के लिए तमाम तरह के प्रयास किये गये लेकिन सब बेनतीजा साबित हुई।

किसानों का बड़ा एलान, धरनास्थल पर बनाएंगे झोपड़ियां, केंद्र सरकार की मुसीबतें बढ़ी (फोटो:सोशल मीडिया)

जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, वापस नहीं जाएंगे: किसान

किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं पूरी होती हैं। वे अपने घर वापस लौट कर नहीं जाने वाले हैं।

इस बार किसान अपने साथ रहने और खाने -पीने का पूरा सामान लेकर आये हैं।

मतलब साफ है कि इस बार किसान लम्बी लड़ाई के लिए पहले से ही पूरी तैयारी करके आये हैं। वे किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाले नहीं हैं।

उन्हें रास्ते में रोकने के लिए जगह—जगह वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गये लेकिन किसान पीछे नहीं लौटे। बल्कि लगातार आगे बढ़ते ही चलें गये।

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धरना स्थल पर बनाएंगे झोपड़िया, 26 जनवरी तक डटे रहेंगे

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने तो ऐलान कर दिया है कि वो 26 जनवरी तक यहां पर रुके रहेंगे। साथ ही बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शनकारी जल्द ही अस्थाई घर या झोपड़ी बनाएंगे, ताकि लंबे वक्त तक रुक सकें।

किसानों ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डेरा जमाया हुआ है, साथ ही अब दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी किसान पहुंच गए हैं। बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर-गाजियाबाद सीमा पर खड़े हैं और दिल्ली में घुसने को तैयार हैं।

राकेश टिकैत से पहले पंजाब के किसान भी बुराड़ी जाने से इनकार कर चुके हैं और बुराड़ी को खुली जेल कहा है। वहीं, सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि किसान सभी हाइवे छोड़कर बुराड़ी के ग्राउंड में आकर प्रदर्शन करें, वहां पर ही बातचीत की जाएगी।

इन रास्तों पर भयंकर जाम

अलग-अलग संगठनों ने दिल्ली-गुरुग्राम, दिल्ली-गाजियाबाद, दिल्ली-नोएडा समेत अन्य सीमाओं पर डेरा जमा लिया है। जिसके कारण लंबा जाम लग रहा है और आम लोगों को दिक्कत हो रही है। यही कारण है कि किसानों का ये प्रदर्शन सरकार की भी चिंता बढ़ा रहा है।

गौरतलब है कि पंजाब के किसानों का समर्थन करते हुए मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर जैसे इलाकों से बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली का कूच किया है, दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-देहरादून हाइवे को भयंकर जाम की स्थिति पैदा हो गई है।

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गृहमंत्री अमित शाह (फोटो:सोशल मीडिया)

किसानों के प्रदर्शन के बीच सरकार में मंथन

आज किसानों के आन्दोलन का पांचवा दिन है। किसानों के आन्दोलन की वजह से अब केंद्र सरकार की भी चिंता धीरे धीरे बढ़ने लगी है। उनकी मांगों के ऊपर सरकार में शामिल लोगों में चर्चा भी अब शुरू हो गई है।

पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बातचीत करने की अपील की, अमित शाह ने हाइवे खाली कर किसी भी वक्त बात करने को कहा। जिसके बाद बीती रात भी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर अमित शाह, राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर की मुलाकात हुई।

सूत्रों की मानें तो सरकार अब किसानों के आन्दोलन को जल्द खत्म कराने के लिए बीच का कोई रास्ता तलाशने में जुट गई है। सरकार को मालूम पड़ गया है कि किसान अब इतनी आसानी से मानने वाले नहीं है। इस मसले का जितनी जल्दी हल निकल जाये उतना ही अच्छा होगा।

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