किसान आन्दोलन: इन दिग्गज नेताओं को मिली जमानत, लौटने पर जोरदार स्वागत

शासन -प्रशासन के निर्देश पर सिरसा से प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा, एमपी मसीतां और गुरसेवक सिंह को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें अब जमानत मिल गई है।

Update:2020-11-29 16:00 IST
किसान संगठन बीकेयू के नेता सुरजीत सिंह फूल का कहना है कि बुराड़ी खुली जेल की तरह है। बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है।

नई दिल्ली: किसानों के दिल्ली मार्च के दौरान 25 नवंबर की देर रात को गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को कोर्ट से जमानत मिल गई है।

रिहा हुए किसान फिर से आंदोलन में शामिल हो गये हैं। जमानत मिलने पर उनका फूल और मालाओं से स्वागत किया गया है। किसानों में जश्न का माहौल है।

वे अपने भाइयों को साथ पाकर बेहद खुश नजर आ रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि ये आंदोलन अब और भी ज्यादा तेज होगा।

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किसान आन्दोलन (फोटो-सोशल मीडिया)

आन्दोलन को कमजोर करने के लिए किसान नेताओं की गिरफ्तारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 नवम्बर को किसानों ने दिल्ली चलने का ऐलान किया था। जैसे ही सरकार को किसानों के इस एलान के बारें में पता चला उसने किसान नेताओं की गिरफ्तार कर लिया। जिससे कि उनका आन्दोलन शुरू ही न हो पाए।

शासन -प्रशासन के निर्देश पर सिरसा से प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा, एमपी मसीतां और गुरसेवक सिंह को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें अब जमानत मिल गई है।

किसान नेताओं को जमानत मिलने के बाद काफी संख्या में किसान उनसे मुलाकात करने जिला जेल के बाहर पहुंचे थे, जहां प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा का भव्य तरीके से स्वागत किया गया।

जेल से रिहा होने के बाद अपने किसान भाइयों के बीच में पहुंचकर उन्होंने ख़ुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि इस आन्दोलन को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा। जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती है तब तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा।

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किसान आन्दोलन: किसान नेताओं को मिली जमानत, लौटने पर जोरदार स्वागत (फोटो:सोशल मीडिया)

हरियाणा में 10 दिन और बंद रहेंगे स्कूल

वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसान आन्दोलन को देखते हुए 10 दिन और स्कूल और कालेज बंद रहेंगे। किसी को भी कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।

सरकार को कृषि कानूनों को रद्द करने पर कर देंगे मजबूर: किसान नेता

वहीं किसान नेता प्रलाद सिंह भारूखेड़ा का कहना है कि सरकार ने किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए हर तरह हथकंडे अपनाए, लेकिन सरकार को कामयाबी नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि अब वे सुबह दिल्ली कूच करने की तैयारी करेंगे और केंद्र सरकार को इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर विवश कर देंगे।

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