इस बड़े किसान नेता ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा- हम बुराड़ी नहीं जाएंगे, वो एक खुली जेल है

किसान संगठन बीकेयू क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने आज प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने साफ-साफ बुराड़ी जाने से इनकार कर दिया है।

Update:2020-11-29 18:14 IST
किसान संगठन बीकेयू के नेता सुरजीत सिंह फूल का कहना है कि बुराड़ी खुली जेल की तरह है। बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है।

नई दिल्ली: कृषि कानून 2020 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब अपनी मांगों को लेकर आर -पार की लड़ाई का मन बना लिया है।

केंद्र सरकार की तरफ से किसानों का आन्दोलन खत्म कराने के लिए तमाम तरह के प्रयास किये गये लेकिन अभी तक सब बेनतीजा साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

किसानों ने अब साफ कर दिया है कि वे अब मानने वाले नहीं है। किसान अपनी शर्तों को पूरा कराने के बाद ही दिल्ली से अपने घर वापस लौटेंगे।

किसान आन्दोलन: किसान नेताओं को मिली जमानत, लौटने पर जोरदार स्वागत (फोटो:सोशल मीडिया)

किसानों को 2000 रुपये: पीएम योजना का बड़ा फायदा, छोड़ दें प्रदर्शन कर लें यह काम

बुराड़ी ओपन पार्क नहीं, एक ओपन जेल है : सुरजीत सिंह फूल

किसान संगठन बीकेयू क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने आज प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने साफ-साफ बुराड़ी जाने से इनकार कर दिया है।

उनका कहना है कि बुराड़ी खुली जेल की तरह है। बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है। हम बुराड़ी कभी नहीं जाएंगे। बुराड़ी ओपन पार्क नहीं है बल्कि एक ओपन जेल है।

किसान नेता ने ये भी कहा कि हमने निर्णय किया है कि हम बुराड़ी कभी नहीं जाएंगे। हमें इस बात के सबूत मिले हैं कि बुराड़ी ओपन जेल है। उत्तराखंड किसान संघ के अध्यक्ष से दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उन्हें जंतर मंतर ले जाया जाएगा लेकिन उन्हें बुराड़ी मैदान में ले जाकर बंद कर दिया गया। बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने ने किसान संगठनों से 3 दिसबंर से पहले बातचीत का प्रस्ताव रखा था।

इस बड़े किसान नेता ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा- हम बुराड़ी नहीं जाएंगे, वो एक खुली जेल है (फोटो:सोशल मीडिया)

मोदी सुरक्षा में ये ड्रोन: करेगा पल-पल की निगरानी, परिंदा भी नहीं मार सकेंगे पर

गिरफ्तार किसान नेताओं को मिली जमानत

किसानों के दिल्ली मार्च के दौरान 25 नवंबर की देर रात को गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को कोर्ट से जमानत मिल गई है।

रिहा हुए किसान फिर से आंदोलन में शामिल हो गये हैं। जमानत मिलने पर उनका फूल और मालाओं से स्वागत किया गया है। किसानों में जश्न का माहौल है।

वे अपने भाइयों को साथ पाकर बेहद खुश नजर आ रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि ये आंदोलन अब और भी ज्यादा तेज होगा।

आन्दोलन को कमजोर करने के लिए किसान नेताओं की गिरफ्तारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 नवम्बर को किसानों ने दिल्ली चलने का ऐलान किया था। जैसे ही सरकार को किसानों के इस एलान के बारें में पता चला उसने किसान नेताओं की गिरफ्तार कर लिया। जिससे कि उनका आन्दोलन शुरू ही न हो पाए।

शासन -प्रशासन के निर्देश पर सिरसा से प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा, एमपी मसीतां और गुरसेवक सिंह को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें अब जमानत मिल गई है।

किसान नेताओं को जमानत मिलने के बाद काफी संख्या में किसान उनसे मुलाकात करने जिला जेल के बाहर पहुंचे थे, जहां प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा का भव्य तरीके से स्वागत किया गया।

जेल से रिहा होने के बाद अपने किसान भाइयों के बीच में पहुंचकर उन्होंने ख़ुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि इस आन्दोलन को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा। जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती है तब तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा।

तूफान में सोने की बाढ़: समुद्र किनारे जुटे सैंकड़ों भारतीय, मच गई अफरा-तफरी

न्यूजट्रैक के नए ऐप से खुद को रक्खें लेटेस्ट खबरों से अपडेटेड । हमारा ऐप एंड्राइड प्लेस्टोर से डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें - Newstrack App

Tags:    

Similar News