लखनऊ: मेघालय में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, सो सरकार के लिए दांव-पेंच की राजनीति शुरू हो गई है। हालांकि, सबसे ज्यादा 21 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं लेकिन उसे डर है कि कहीं मेघालय में उसका हाल गोआ और मणिपुर जैसा न हो जाए। इसीलिए कांग्रेस ने शनिवार को परिणाम आने के तुरंत बाद राज्यपाल को पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। मणिपुर और गोआ में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं लेकिन भाजपा ने बाहर से समर्थन जुटा कर सरकारें बना ली थीं।
दूसरी ओर, बीजेपी भी अपने सपोर्ट से गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर पूरी ताकत लगा रही है। बीजेपी नेता और असम सरकार में मंत्री हेमंत विस्वा शर्मा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। जबकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरण रिजिजू और केजे अल्फोंस भी शिलांग पहुंच रहे हैं। विस्वा और अल्फोंस रविवार (04 मार्च) दोपहर राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं।
कांग्रेस को मेघालय के नतीजे की आहट थी इसीलिए नतीजे आने से पहले ही पार्टी ने अपने तीन वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, कमलनाथ और मुकुल वासनिक को शिलांग रवाना कर दिया था। इन तीनों नेताओं ने पहुंचते ही सरकार बनाने के लिए जुगत करनी शुरू कर दी।
बहरहाल, कमलनाथ ने कहा है कि हमने गवर्नर से शनिवार देर रात मुलाकात की और उन्हें एक चिट्ठी दी। उन्होंने कहा कि नियम अनुसार जो सबसे बड़ी पार्टी होती है उसे ही पहले सरकार बनाने का न्योता दिया जाना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस को यह मौका पहले मिलना चाहिए। बाद में हम सदन में बहुमत सिद्ध करेंगे।कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के पास सिर्फ दो सीट हैं, उनके वरिष्ठ नेता यहां जमे क्यों हैं?भाजपा अन्य विधायकों को खींच रही है।
राज्य में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत हासिल की है, इसके बावजूद उसे पिछले चुनाव के मुकाबले नुकसान झेलना पड़ा है। पिछले चुनावों में पार्टी ने 60 में से 29 सीटें जीती थीं। भाजपा की संभावित गठंबधन साझेदार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 19 सीटें जीत ली हैं और भाजपा को 2 सीटों पर जीत मिली है।