वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अहम बैठक, बैंकों को दिया ये बड़ा निर्देश, हुआ ये एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को बैंको और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) के प्रमुखों के साथ बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई। उन्होंने सभी बैंकों से कहा कि वो जल्द से जल्द रिजॉल्युशन प्लान लागू करें।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को बैंको और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) के प्रमुखों के साथ बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई। उन्होंने सभी बैंकों से कहा कि वो जल्द से जल्द रिजॉल्युशन प्लान लागू करें। कोविड-19 संकट के बीच बिजनेस को रिवाइव करने के लिए इस स्कीम को लागू किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने बैंकों को निर्देश दिया कि वो रिजॉल्युशन प्लान को 15 सितंबर तक रोल आउट कर दें। वित्त मंत्री ने बैंकों से यह भी कहा कि लोन रिपेमेंट पर मोरेटोरियम खत्म हो जाता है तो भी जरूरत पड़ने पर उधार लेने वालों को सपोर्ट करें। उन्होंने बताया कि महामारी के बीच इससे बैंकों के क्रेडिट एसेसमेंट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
वित्त मंत्रालय की तरफ बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि बैंकर्स से बातचीत के दौरान वित्त मंत्री ने रिजॉल्युशन के लिए बोर्ड अप्रुवल पॉलिसी पर विशेष ध्यान दिया। वित्त मंत्री ने योग्य बॉरोवर्स की पहचान कर उनकी सहायत करने पर जोर दिया। मौजूदा स्थिति में बिजनेस के लिए जल्द से जल्द रिजॉल्युशन प्लान को लागू करना बेहतर होगा।
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RBI ने दी रिस्ट्रक्चरिंग की इजाजत
वित्त मंत्री ने प्रमुख बैंकों और गैर-बैंकिंग संस्थानों (NBFC) से वन-टाइम रिस्ट्रक्चरिंग को लागू करने को लेकर चर्चा की। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बीते महीने ही कॉरपोरेट और रिटेल लोन पर बैंकों को वन-टाइम लोन रिस्ट्रक्चरिंग की इजाजत दी थी। आरबीआई ने कहा था कि इन लोन को बैंक गैर-निष्पादित अस्तियों (NPA) के तौर पर वर्गीकृत न करें।
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रिजॉल्युशन प्लान तैयार करें बैंक
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि बैंकों ने आश्वासन दिया है कि वो रिजॉल्युशन प्लान को लागू करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने योग्य बारोवर्स की पहचान करने और उनके संपर्क करने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। बैंकों की तरफ से यह भी कहा गया कि आरबीआई द्वारा निर्धारित समय सीमा का अनुपालन करेंगे।
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आत्मनिर्भर भारत पैकेज की समीक्षा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत के तहत घोषित योजनाओं की समीक्षा की। आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत 42 लाख एमएसएमई को फायदा पहुंचा है। इस योजना के तहत 1 लाख 58 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे जिसमें 31 अगस्त तक 24 लाख अकाउंट में 1 लाख 11 करोड़ रुपए बैंको द्वारा डाले जा चुके हैं।
आंशिक ऋण गारंटी योजना (पीसीजीएस) 2.0 के तहत गैर-बैंक उधारदाताओं को तरलता सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 25,055 करोड़ रुपये के बांड और वाणिज्यिक ऋण पत्रों की खरीद को मंजूरी दे दी।
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