चीन अब नहीं दिखा पाएगा आंख, भारत ने किया ये बड़ा काम
उत्तराखंड में चीन सीमा तक बनी पहली गर्बाधार-लीपूलेख सड़क राष्ट्र को समर्पित हो गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क का उद्घाटन किया।
पिथौरागढ़: उत्तराखंड में चीन सीमा तक बनी पहली गर्बाधार-लीपूलेख सड़क राष्ट्र को समर्पित हो गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क का उद्घाटन किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क का राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान होता है। बीआरओ की सराहना की और कहा कि लिपुलेख तक सड़क बनने से कैलाश यात्रा सुगम होगी। स्थानीय लोगों को भी सड़क सुविधा मिलेगी।
भारत चीन व्यापार को गति मिलेगी। विकास को बल मिलेगा। इस दौरान उन्होंने सड़क निर्माण में जान गवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी और परिवारों के प्रति संवेदना जताई। फ्लैग आफ करने के बाद बीआरओ के वाहन गुंजी के लिए रवाना हुए।
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अर्द्ध सैनिक बलों की गाड़ियों को संचालन
शनिवार से सेना और अर्द्ध सैनिक बलों की गाड़ियों को संचालन की अनुमति होगी। आम लोगों के वाहनों को कुछ दिनों बाद अनुमति दी जा सकती है। सड़क के बनने से कैलाश मानसरोवर यात्रा, छोटा कैलाश यात्रा सहित माइग्रेशन पर जाने वाले लोगों के लिए राह आसान होगी।
तवाघाट से लिपुलेख तक सड़क बनने से सीमा सुरक्षा तंत्र भी मजबूत होगा। तवाघाट से लिपुलेख तक कुल 95 किमी. लंबी सड़क की कटिंग कार्य को पूरा कर लिया गया है। चीन सीमा के निकट शेष तीन किमी. की कटिंग का काम सुरक्षा की दृष्टि से अभी छोड़ दिया गया है। चीन सीमा तक सड़क की कुल लंबाई 95 किमी. होगी।
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