कोरोना का वार: एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, की थी ये गलती

कोविड-19 से बचने के लिए 2 गज की दूरी बनाना जरूरी है। लेकिन जो लोग इसे नहीं मानते, उनको इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। हुआ ये किन झारखंड के धनबाद में एक परिवार  5 लोगों की कोरोना से मौत हो गई।इस परिवार को कोरोना वायरस और उससे जुड़ी गाइडलाइन को नजरंदाज करना बेहद भारी पड़ा है।

Update: 2020-07-19 15:32 GMT

धनबाद : कोविड-19 से बचने के लिए 2 गज की दूरी बनाना जरूरी है। लेकिन जो लोग इसे नहीं मानते, उनको इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। हुआ ये किन झारखंड के धनबाद में एक परिवार 5 लोगों की कोरोना से मौत हो गई।इस परिवार को कोरोना वायरस और उससे जुड़ी गाइडलाइन को नजरंदाज करना बेहद भारी पड़ा है।

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संक्रमण की वजह से मौत

कोरोना वायरस की वजह से अब तक एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक सदस्य अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहा है। कतरास के चौधरी परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला 27 जून को एक शादी समारोह में शामिल होने दिल्ली गई थीं। वहां से लौटने के बाद जब 90 साल की वृद्ध महिला की तबियत बिगड़ी तो अस्पताल में पता चला महिला कोरोना संक्रमित हैं। इलाज के बाद भी महिला को नहीं बचाया जा सका और 4 जुलाई को उनकी मौत हो गई। इसके बाद जब पूरे परिवार और महिला के बेटों की जांच की गई तो दो बेटे संक्रमित पाए गए और इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। इसके बाद संक्रमण की वजह से महिला के दो और बेटे बीमार पड़ गए।

 

एक के बाद एक कर कोरोना ने निगल लिया सबको

कोरोना का डर और डिप्रेशन में जाने की वजह से उन्होंने भी दम तोड़ दिया। 12 दिनों के भीतर इस परिवार में कोरोना वायरस से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं महिला का 5 वां बेटा भी कोरोना संक्रमित है और उसे राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार के सबसे वृद्ध महिला की मौत के बाद धनबाद में उनके आसपास रहने वाले 70 से ज्यादा लोगों की जांच की गई थी। इसी दौरान मृतक महिला के तीन बेटे भी संक्रमित पाए गए थे।महिला के दो बेटे पहले से ही हृ्दय और फेफड़े संबंधी रोग से ग्रसित थे। इस परिवार के एक बेटे की मौत धनबाद के सरकारी अस्पताल में हो गई जबकि दूसरे की कोविड स्पेशल अस्पताल और तीसरे बेटे की मौत रांची के रिम्स अस्पताल में हुई। चौथे बेटे की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी लेकिन उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

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इस गलती से गई सबकी जान

इसके बाद उसे जमशेदपुर के टाटा मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी भी मौत हो गई। महिला का छठा बेटा अभी दिल्ली में है। वृद्ध महिला की सबसे पहले मौत हुई वो दिल्ली में रह रहे अपने पोते की शादी में शामिल होने के लिए गई थी। परिवार से सबसे बड़ी गलती ये हुई कि कोरोना से मौत के बाद( ICMR )के दिशा-निर्देशों की जगह सामान्य तरीके से अंतिम संस्कार किया गया जिससे दूसरों में भी संक्रमण फैल गया।

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