फारुख अब्दुल्ला ने पत्थरबाजों को बताया राष्ट्रभक्त, कहा- भूखे मरेंगे, मगर वतन के लिए लड़ेंगे
नई दिल्ली: अपने विवादित बयानों से सुर्खियां बटोरने वाले नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला को पत्थरबाजी करने वाले लोगों से बहुत प्यार है। वह इन पत्थरबाजों को राष्ट्रभक्त मानते हैं। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में जो लोग पत्थरबाजी करते हैं, वो देश हित के लिए करते हैं। उन्होंने पत्थरबाजों के प्रति अपनी सोच सहानुभूति जताकर पीएम मोदी के बयानों को भी सिरे से खारिज कर दिया।
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि वह मोदी सरकार को यहां बताना चाहते हैं कि कश्मीर में जो बच्चे पत्थर मारते हैं, उनका राज्य के टूरिज्म से कोई लेना-देना नहीं है। वह अपने देश के लिए लड़ रहे हैं। वह अगर भारत और पाकिस्तान उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं कर सकते तो अमेरिका को आगे आना चाहिए और दोनों मुल्कों के बीच समस्या को खत्म करना चाहिए।
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बता दें कि श्रीनगर और अनंतनाग लोकसभा सीट पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होना है। फारुख खुद कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन से श्रीनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं।
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पीएम नरेंद्र मोदी रविवार (2 अप्रैल) को पहली बार कश्मीर घाटी के पत्थरबाज युवाओं पर बोले। उन्होंने कहा कि इसी घाटी के नौजवानों ने मेहनत से पहाड़ को काट कर टनल का निर्माण किया तो दूसरी ओर सेना पर पत्थर मारने वाले नौजवान हैं। घाटी के नोजवानों को तय करना है कि वो क्या बनना चाहते हैं। ये पत्थर की ताकत है। एक ओर सेना पर फेंके जाने वाले पत्थर तो दूसरी ओर पत्थर काट कर कश्मीर का सुरंग बनाने वाले युवा हाथ।
पीएम ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर देश की सबसे लंबी ‘चिनैनी-नाशरी’ रोड टनल (सुरंग) का उद्घाटन के बाद बटरबालियां, उधमपुर में एक जनसभा में कहा कि कश्मीर में टूरिज्म और टेररिज्म भी है। पीएम मोदी ने कहा कि आपके सामने दो रास्ते हैं। एक तरफ टूरिज्म और दूसरी तरफ टेरेरिज्म। पिछले 40 साल के टेररिज्म ने कश्मीर को बर्बाद कर दिया। यदि यही समय टूरिज्म को बढ़ाने के लिए लगाया गया होता तो कश्मीर घाटी दुनिया में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे आगे होता।
पिछली सरकारों ने कभी भी टेररिज्म से कैसे निपटे, इस पर ध्यान ही नहीं दिया। अब घाटी के युवाओं को टेररिज्म का रास्ता छोड़ना होगा ताकि उनकी घाटी सुंदर और विकसित हो। खून के खेल में आज तक किसी का भला नहीं हुआ।
पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल जम्मू कश्मीर के लिए 80 हजार करोड़ का विशेष पैकेज दिया था। उन्हें खुशी है कि पैकेज का अच्छा इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंनें पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को मदद देने वाले बाहर के देश भी देख लें कि हम विकास के रास्ते पर कैसे आगे जाते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि सुरंग में भारत सरकार का पैसा लगा है, लेकिन इसमें यहां के नौजवानों का पसीना लगा है। यहां के नौजवानों ने एक हजार दिन से ज्यादा तक पसीना बहाया, पत्थर काटकर सुरंग बनाया। पत्थर की ताकत क्या होती है? एक जगह भटके हुए नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं दूसरी ओर, पत्थर काटकर नौजवान भारत का भाग्य बनाने में लगे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि किसान की फसल बर्बाद हो जाती थी। अब ये सुरंग यहां के किसानों के लिए वरदान है। ये सुरंग कश्मीर घाटी की भाग्य रेखा है। इस सुरंग में नौजवानों के मेहनत के पसीने की खुशबू है। किसानों को घाटा नहीं होगा। ये लाभ कश्मीर घाटी को मिलने वाला है। हिंदुस्तान के हर शख्स का सपना है कि वो एक बार कश्मीर देखे। यहां की टूरिज्म इंडस्ट्री अब आगे निकल जाएगी।
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फारुख के बयान पर क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह फारुक अब्दुल्ला की बात से बिलकुल भी सहमत नहीं हैं। औवेसी ने कहा कि फारुख साहब को चुनाव लड़ना है इसलिए इस तरह की बातें कर रहे हैं। उनके बेटे उम्र अब्दुल्ला जब सीएम थे तब 100 से ज्यादा लड़कों की मौत हुई थी। उन्होंने तब कुछ नहीं कहा।अब चुनाव हैं तो वह बोल रहे हैं। औवेसी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान का मसला दो देशों का मुद्दा है। इसमें किसी तीसरे की जरुरत नहीं है।