G20 Summit in Varanasi: बनारस में आज सोमवार से तीन दिवसीय जी 20 समिट का आयोजन, काशी दर्शन भी करेंगे गेस्ट
G20 Summit in Varanasi: G20 की अध्यक्षता करने का अवसर हमारे भारत देश को मिली है। 40 अलग अलग शहरो में जी 20 का आयोजन किया जायेगा। इसी क्रम में वाराणसी का नंबर भी पहले लग चुका है। 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक तीन दिन आयोजन किया जायेगा।
G20 Summit in India: धार्मिक स्थानों में राजधानी कही जाने वाली काशी की महत्त्वता व्यापक है। काशी को पुण्य भूमि का धरोहर माना जाता है। हमेशा से बनारस विदेशों में भी प्रसिद्ध है। काशी यानी की विश्व की प्राचीन नगरियों में से एक शहर, में जी -20 समिट होना है। G 20 ke अंतर्गत एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप (Agricul working Group) की बैठक में विश्व के 20 बड़े देशों के प्रतिनिधि सदस्य और अन्य सहयोगी देशों के डेलीगेट्स (G-20 Delegates) इस समिट की मीटिंग में कह शामिल होंगे।
Also Read
काशी की सुंदरता में डेकोरेशन से चार चांद
वाराणसी नगरी में जी 20 की अध्यक्षता और बैठक को लेकर प्रशासन को योगी सरकार ने पूरी काशी को भव्य सुंदरता के साथ सजाने का आदेश दिया गया था। शहर की आकर्षणता को बढ़ाने के लिए पूरी लगन से कोशिश की गई है। वाराणसी में स्थित मां अन्नपूर्णा की जमीन से पूरे विश्व को पोषण युक्त खाद्य पदार्थ, खेती अनुकूल जलवायु और उत्तम स्वस्थ्य को बढ़ावा देने का फरमान दिया जाएगा
बैठक के लिए विदेशी मेहमानों का आगमन रविवार से ही शुरू
भारत इस साल जी-20 देशों की मेजबानी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के उद्देश्य वाक्य के साथ कर रहा है। वाराणसी में जी-20 की कुल 6 बैठकें होनी है। इस क्रम में पहली बैठक आज सोमवार से शुरू हो रही है। काशी की सुंदरता को निखारने के साथ, विदेशी मेहमानों की सुरक्षा को लेकर भी मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को लगातार सूचना दिया जा रहा है। समिट में अपनी भागीदारी देने वाले ज्यादातर विदेशी प्रतिनिधि रविवार को ही वाराणसी पहुंचे है। इसमें 34 संगठनों और करीब 80 देशों के प्रतिनिधि का अनुमोदन आ चुका है।
Also Read
स्मार्ट होते बनारस नगरी का भी करेंगे दर्शन
मुख्य बैठक जी-20 की होटल ताज में होगी। इसके पश्चात अतिथियों को लिए काशी भ्रमण का कार्यक्रम रखा गया है, मुख्य रूप से जिसमे भगवान बुद्ध की तप भूमि सारनाथ, गंगा आरती और नौका विहार के कार्यक्रम शामिल हैं। काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में भी जी-20 के सदस्य अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। विश्व के अलग अलग भागों से आए अतिथि काशी की अद्भुत हस्तशिल्पियों को भी देखेंगे, जोकि काशी की विरासत कही जाती है।
जी-20 के सदस्यता वाले देश
कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ।
कैसा है पूरा कार्यक्रम
पहला दिन: 17 अप्रैल 2023
समिट के पहले दिन का शेड्यूल,
शिखर सम्मेलन के पहले दिन, कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों (एमएसीएस) 2023, स्वस्थ लोगों और हमारे ग्रह के लिए सतत कृषि खाद्य प्रणाली की बैठक का उद्घाटन होगा। बैठक का पहला सत्र खाद्य सुरक्षा और पोषण: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका पर होगा।
दूसरा सत्र 'लचीला(Resilient) कृषि-खाद्य प्रणाली' पर होगा।
शाम को प्रतिनिधि क्रूज से गंगा आरती देखने के लिए जाएंगे।
दूसरा दिन: 18 अप्रैल 2023
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन का कार्यक्रम दूसरे दिन,
डिजिटल कृषि और सतत कृषि मूल्य श्रृंखला' और 'कृषि अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक निजी भागीदारी। विकसित और विकासशील देशों से परिप्रेक्ष्य' पर एक सत्र होगा।
अतिथि 18 अप्रैल को शाम को सारनाथ के लिए जायेंगे, संग्रहालय, लाइट एंड साउंड शो देखेंगे और बाद में बुद्ध थीम पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ रात्रिभोज आयोजित किया जाएगा।
तीसरा दिन: 19 अप्रैल 2023
डिस्कशन एंड फाइनलाइज़ेशन ऑफ़ द MACS (मीटिंग ऑफ़ एग्रीकल्चरल चीफ साइंटिस्ट)-2023 कम्युनिक
मेहमान दोपहर में बड़ा लालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटेशन (टीएफसी) सेंटर का भ्रमण करेंगे। रात में शास्त्रीय संगीत के साथ फेयरवेल डिनर।