जीरो डिग्री में भिड़त: इतनी ठंड में रहते हैं सैनिक, जानें कैसा होता है मौसम
सोमवार की रात गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिको की आपस में हिंसक भिड़त होने से सीमा पर तनाव और अधिक बढ़ गया है। जिसमें भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गई।
नई दिल्ली: सोमवार की रात गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिको की आपस में हिंसक भिड़त होने से सीमा पर तनाव और अधिक बढ़ गया है। जिसमें भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गई। वहीं चीन की तरफ से 40 से ज्यादा सैनिकों मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि इस झड़प में एक भी गोली नहीं चली। इस दौरान सैनिकों ने लाठी-डंडों और पत्थरों का इस्तेमाल किया था।
यह भी पढ़ें: चीन नहीं सुधरेगा: भारत पर साध रहा निशाना, सीमा पर हालात बेहद खराब
यहां शून्य से भी नीचे बना रहता है तापमान
बता दें कि जहां पर दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हुई, उसकी ऊंचाई करीब 14 हजार फीट है और वहां पर तापमान शून्य से भी नीचे रहता है। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए हैं। गलवानी घाटी में भीषण गर्मी के मौसम के दौरान भी तापमान शून्य या उससे नीचे बना रहता है।
गलवान घाटी में -20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है तापमान
वहीं साल के अंत या शुरूआती महीने में यानी दिसंबर-जनवरी के महीनों में गलवान घाटी का तापमान -20 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच जाता है। इतनी भी भीषण ठंड में भी भारतीय सेना के जवान सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। इस दौरान जवानों को बर्फीले तूफान और हिमस्खलन का सामना करना पड़ता है।
यह भी पढ़ें: Xiaomi Mi मोबाइल के बाद लाया ये गैजेट, कीमत जान चौंक जाएंगे आप
दुनिया का सबसे मुश्किल युद्ध क्षेत्र
यह क्षेत्र दुनिया का सबसे मुश्किल युद्ध क्षेत्र माना जाता है। यहां पर तैनात रहने वाले जवानों को खास तकनीक से बनी किट दी जाती है। जो इस जानलेवा मौसम में भी जवानों को जिंदा रखने में मदद करती है। इस किट में थर्मल इंसोल, चश्मे, सोने के लिए किट, कुल्हाड़ी, जूते, हिमस्खलन पता लगाने वाले यंत्र और पर्वतारोहण का सामान शामिल होते हैं।
लद्दाख के शहरी इलाकों में तापमान 12 डिग्री
बता दें कि गलवान घाटी और लद्दाख के शहरी इलाकों के तापमान में जमीन आसमान का अंतर होता है। गलवान घाटी में तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे है। जबकि लद्दाख के शहरी इलाकों में तापमान 12 डिग्री बना हुआ है।
यह भी पढ़ें: अभी-अभी कांपा चीन: सेना का पूरा हुआ सबसे बड़ा बदला, मारा गया इनका अफसर
1967 के बाद पहली बार पैदा हुई ऐसी स्थिति
बता दें कि 1967 के बाद ऐसी स्थिति पहली बार पैदा हुई है, जब दोनों देशों के बीच बीच इतना बड़ा टकराव हुआ है और भारतीय जवानों की शहादत हुई हो। 1967 के टकराव में भारत के 80 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीनी सेना के 300 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
भारत- चीन सीमा विवाद पहुंचा चरम पर
बता दें कि चीन की धोखेबाजी के बाद भारत- चीन सीमा विवाद अपने चरम पर पहुंच गया। भारतीय सेना चीन की सभी हरकतों पर अपनी नजर बनाए हुए है। इसके अलावा आईटीबीपी के जवानों की तरफ से पेट्रोलिंग की संख्या बढ़ा दी गई है।
यह भी पढ़ें: हेल्थ वर्कर को सैलरी ना देना पड़ेगा भारी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।