चीन की बर्बादी शुरू: भारत का तगड़ा प्लान करेगा छुट्टी, पाई-पाई का होगा मोहताज

गलवान घाटी पर खूनी हिंसा के बाद से चीन के लिए भारत काफी सख्त रूख अपना रहा है। चीन द्वारा चली जा रही हर चाल को नाकाम करने के लिए सरकार ने अपनी तैयारी कर ली है।

Update: 2020-06-22 12:21 GMT

नई दिल्ली। गलवान घाटी पर खूनी हिंसा के बाद से चीन के लिए भारत काफी सख्त रूख अपना रहा है। चीन द्वारा चली जा रही हर चाल को नाकाम करने के लिए सरकार ने अपनी तैयारी कर ली है। सरकार ने तीन मोर्चेों पर तैयारी की है। एक मोर्चा भारत ने सैन्य क्षमता को नुकीला करके किया है। दूसरी ओर कूटनीतिक और आर्थिक तौर पर चीन को हराने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

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चीन की मांग पर

भारत-चीन के बीच चल रहे तनातनी को लेकर मोलडो में लद्दाख पर कमांडर स्तर की बैठक होगी। ये बैठक चीन की मांग पर हो रही है। लद्दाख की गलवान घाटी में हालात अच्छे करने की कोशिश जारी है।

ऐसे में इस बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के लिए रवाना हुए हैं। रूस में चीन के साथ त्रिपक्षीय स्तर की बातचीत हो सकती है। चीन से सैन्य मोर्चे पर निपटने के लिए सरकार नें सरकार ने LAC पर हालात से निपटने के लिए सेना को खुली छूट दे दी।

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गैर जरूरी चीन के सामानों पर रोक

अपने आर्थिक मोर्चे पर चीन को घेरने के लिए तैयारी कर रही है। चीन से आयात घटने का काम शुरू हो गया है। ऐसे में गैर जरूरी चीन के सामानों पर रोक लगा सकता है। सरकार गैर जरूरी चीजों की लिस्ट बना रही है।

इसके साथ ही उद्योग जगत ने भी सरकार से मामले पर सफाई मांगी है। इस हिसाब से 371 प्रोडक्ट का रिव्यू हो रहा है। सरकार चीन के घटिया माल को देश में आने से रोकने के लिए BIS क्वालिटी पर जोर देगी। जैसे घड़ी, दीवार घड़ी आदि का रिव्यू हो रहा है।

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फार्मा एपीआई,मोबाइल फोन, टेलीकॉम उपकरण

इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने बीआईएस से 5000 उत्पादों के लिए स्टैंडर्ड तैयार करने को कहा है। भारत के कुल आयात का 14 प्रतिशत चीन से होता है। फार्मा एपीआई,मोबाइल फोन, टेलीकॉम उपकरण चीन से आते हैं।

ऐसे में चीन के खिलाफ महाराष्ट्र के एक्शन को देखें तो राज्य में चीन के 3 प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई है। कुल इनकी कुल लागत 5,000 करोड़ रुपये है।

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साथ ही महाराष्ट्र में तेलगांव में Great Wall Motors का 3,770 करोड़ रुपये का MoU रद्द कर दिया गया है। PMI Electro Mobility, Hengli Eng का भी MoU कैंसिल कर दिया गया है।

आगे चीनी कंपनियों का 780 करोड़ रुपये का ऑर्डर रद्द कर दिया गया है। एनर्जी सेक्टर में चीनी के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं होगा। डॉट ने चीनी टेलीकॉम उपकरण इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। वहीं 4G Upgradation में चीनी कलपुर्जे नहीं इस्तेमाल होंगे। आगे भी इसी प्रकार कार्य जारी है।

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