सीमा पर नई चुनौती के लिए तैयार भारत, चीन-पाकिस्तान को अब मिलेगा सबक
लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी झड़प को लेकर आर्मी चीफ नरवण ने कहा, 'ये चीन की तरफ से कोई नई चीज़ नहीं थी...हर साल चीनी सैनिक ट्रेनिंग के लिए आते हैं और हमें पता था कि ये किन किन ज़गहों पर आते थे।
नई दिल्ली। बीते कई महीनों से सीमा पर लगातार जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना(Indian Army) प्रमुख एम एम नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने चीन और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। ऐसे में सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने कहा है कि देश की सेना न केवल पूर्वी लद्दाख, बल्कि उत्तरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट मोड में है। हमारे जवान हर चुनौती से निपटने को लिए तैयार हैं। सही समय पर जवाब दिया जाएगा। साथ ही गलवान घाटी में झड़प को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि हम चीन की हरकतों से वाकिफ थे, मगर उनकी नियत को भांप न सके।
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चीन की तरफ से कोई नई चीज़ नहीं
लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी झड़प को लेकर आर्मी चीफ नरवण ने कहा, 'ये चीन की तरफ से कोई नई चीज़ नहीं थी...हर साल चीनी सैनिक ट्रेनिंग के लिए आते हैं और हमें पता था कि ये किन किन ज़गहों पर आते थे। इसपर हमारी नजर भी थी... फ़र्स्ट मूवर एडवॉन्टेज चीन को था, जिसकी किसी को जानकारी नहीं थी।'
ऐसे में सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, 'हमें पूर्वी लद्दाक में चीन की हरकतों का पता था, मगर उनकी नियत नहीं भांप सके। चीन ऐसा करेगा हमने सोचा न था।' बता दें, आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कही। वहीं पिछला साल चुनौतियों से भरा था। बॉर्डर पर तनाव था और कोरोना संक्रमण का भी खतरा था। लेकिन सेना ने इसका कामयाबी से सामना किया है।
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आकस्मिक चुनौती का सामना
सेना प्रमुख ने कहा कि सेना ने सर्दियों को लेकर पूरी तैयारी की है। लद्दाख की स्थिति की जानकारी देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हमें शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद है, लेकिन हम किसी भी आकस्मिक चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। इसके लिए भारत की सभी लॉजिस्टिक तैयारी संपूर्ण है।
आगे नरवणे ने कहा, 'पूर्वी लद्दाख में हम चौकस है। चीन के साथ कॉर्प्स कमांडर लेवल की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है हम अगले राउंड की वार्ता का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि संवाद और सकारात्मक पहल से इस मुद्दे का हल निकलेगा।' उन्होंने कहा कि आर्मी एविएशन के अगले कोर्स में महिला अफसर पायलट ट्रेनिंग पर दाखिल होंगी और एक साल के बाद वो अपने फॉरवर्ड यूनिट में तैनात हो जाएगी।'
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