श्रीनगर : कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी ने कश्मीर घाटी में जेलों में बंद राजनीतिक कार्यकर्ताओं की ईद-उल-फितर से पहले रिहाई की सोमवार को मांग की। गिलानी (80) ने एक बयान में कहा कि ईद रमजान के पवित्र महीने के अंत में 25 या 26 जून को पड़ेगी।
गिलानी ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कठिन सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत जम्मू एवं कश्मीर में हिरासत में लिया जाना 'अतिवाद' से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि असिया अंद्राबी, मसरत आलम जैसे अलगाववादी नेता व अन्य लोग विभिन्न जेलों में बंद हैं।
घाटी में साल 2016 के गर्मियों की अशांति को 'जन विद्रोह' करार देते हुए गिलानी ने आरोप लगाया कि 20,000 से ज्यादा लोगों और कार्यकर्ताओं को बीते साल गिरफ्तार किया गया था और उनमें से 500 से ज्यादा अभी भी हिरासत में हैं।
उन्होंने इस मुद्दे पर एमनेस्टी इंटरनेशनल और अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति (आईसीआरसी) से दखल करने की मांग की।