मरी बकरी- करोड़ो नुकसान: वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएगें

असल में यह वाक्या है ओडिशा का। ओडिशा में एक सड़क दुर्घटना में एक बकरी की मौत को लेकर आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन के कारण महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) को 2.68 करोड़ रुपये का नुकसान भुगतना पड़ रहा है।

Update: 2023-07-02 02:41 GMT

नई दिल्ली : क्या कभी आपने सुना है कि एक जानवर, पशु या पक्षी की मौत होने से किसी कंपनी को बड़ा घाटा हुआ हो। लेकिन बता दे कि ये सच है एक बकरी की मौत एक कंपनी को इतनी भारी पड़ गया जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते है। जीं हां ये सच बात है कि एक कंपनी को बकरी के मरने से करोड़ो का नुकसान हुआ है।

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असल में यह वाक्या है ओडिशा का। ओडिशा में एक सड़क दुर्घटना में एक बकरी की मौत को लेकर आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन के कारण महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) को 2.68 करोड़ रुपये का नुकसान भुगतना पड़ रहा है।

कंपनी एमसीएल ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि एक कोयला परिवहन डंपर की चपेट में आने से एक बकरी की मौत हो गई थी। बकरी की मौत होने पर वहां के स्थानीय निवासियों ने 60 हजार रुपये के मुआवजे की मांग की थी।

इस पर कंपनी ने बयान में कहा है कि इस मांग को लेकर एक पड़ोसी गांव के कुछ निवासियों की भीड़ ने तालचेर कोयला क्षेत्र में सोमवार की सुबह 11 बजे से कोयला परिवहन के काम को रोक दिया।

इसके साथ इसमें यह भी कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर काम फिर से शुरू हो सका। काम बंद होने के कारण एमसीएल को 2.68 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ। इस काम के रुकने से सरकारी खजाने को भी 46 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

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ये है पूरी घटना की जानकारी

यह घटना बीती सोमवार की है। जिसमें कोयला लादकर लाने वाली गाड़ी (टिप्पर) से टकराकर एक बकरी की मौत हो गई। इस हादसे से स्थानीय लोग भड़क गए और बकरी की मौत से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 60 हजार रुपये की मांग करने लगे। बकरी की मौत निषिद्ध खनन क्षेत्र में हुई, जिस पर चटिया हर्टिंग्स गांव के लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया था।

इसके साथ दिए गए बयान में आगे कहा गया कि सोमवार सुबह तालचेर कोलफील्ड्स के जगन्नाथ सिडिंग्स 1 और 2 का कार्य लोगों ने बलपूर्वक रुकवा लिया। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही अपराह्न 2.3० बजे ही कार्य पुन: प्रारंभ हो सका।

कंपनी एमसीएल ने बयान में कहा कि तीन और एक आंधे घंटे से भी अधिक समय तक काम रोके जाने से कंपनी को 1.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं रेलवे के माध्यम से डिस्पैच पर 1.28 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

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इसके अलावा इसमें यह भी कहा गया कि इस अभूतपूर्व ठहराव के कारण सरकार को भी 46 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। कंपनी ने स्थानीय पुलिस में अवैध बाधा उत्पन्न करने को लेकर लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

बता दें कि सामान्य आवाजाही के लिए खदान क्षेत्रों में प्रवेश पूरी तरह से मना है। खदान क्षेत्रों में सिर्फ वहीं लोग आ सकते हैं, जिन्हें यह अधिकार दिया गया है जो लोग यहां कार्य करते हैं या प्रशिक्षण ले रहें हो।

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