इस बड़े बैंक की हुई बल्ले-बल्ले, 9,296 करोड़ रुपये देगी मोदी सरकार
10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने बैंकिंग सेक्टर से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आईडीबीआई बैंक को संकट से निकालने के लिए उसमें 9,296 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने बैंकिंग सेक्टर से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आईडीबीआई बैंक को संकट से निकालने के लिए उसमें 9,296 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया है।
यह पूंजी सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा मिलकर दी जाएगी। कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिसके बाद मंगलवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात की जानकारी दी।
यह भी पढ़ें...क्रिकेटर को जेल: दूसरी औरतों से गैर संबंध, घरेलू हिंसा का भी आरोप
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आईडीबीआई बैंक के रीकैपिटलाइजेशन (पुन: पूंजीकरण) को मंजूरी दी गई है। इसमें एक बार में सरकार और एलआईसी दोनों पैसा डालेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे आईडीबीआई और एलआईसी, दोनों को फायदा होगा और इससे बैंकिंग को बेहतर स्तर तक पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता भी सामने आएगी।
यह भी पढ़ें...राममंदिर पर मुस्लिम पक्ष का बड़ा आरोप, कहा- ऐसे रखी गई थी मूर्ति
प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि 9 हजार करोड़ रुपये में से 4,557 करोड़ रुपये सरकार देगी, जबिक 4,700 करोड़ रुपये एलआईसी की ओर से दिए जाएंगे।
बता दें कि बैंकिंग सेक्टर की बिगड़ती हालत पर सरकार नजर रखे हुए हैं। सरकार को हाल ही में रिजर्व बैंक ने 1.76 लाख करोड़ रुपये देने का फैसला किया था। इसके बाद से साफ था कि सरकार सार्वजनिक बैंकों में पैसे डालेगी।
यह भी पढ़ें...धोखाधड़ी के पापा! पूर्व विधायक के ऐसे किस्से सुनकर आप भी यही कहेंगे
बता दें कि बीते साल ही एलआईसी ने संकट में फंसे आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी की हिस्सेदारी ली है और इसमें सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पब्लिक सेक्टर के आईडीबीआई बैंक को प्राइवेट सेक्टर के बैंक की कैटेगरी में रख दिया है।