दीवाली से पहले विदेशों के खतरनाक पटाखों की तस्करी पर सरकार ने किया आगाह
केंद्र सरकार ने अगले माह दीवाली आने के महीने पहले ही विदेशी पटाखों के उपयोग के बाबत कड़ी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने अगले माह दीवाली आने के महीने पहले ही विदेशी पटाखों के उपयोग के बाबत कड़ी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। सरकार ने बुधवार को आम जनता को चेतावनी जारी कर दी है कि विदेशों में निर्मित पटाखों का उपयोग कानून के अनुसार दंडनीय है। लोगों को सलाह दी गई है कि यदि उन्हें विदेशों में निर्मित पटाखों के इस्तेमाल के बारे में कहीं भी कोई सूचना मिलती है तो तत्काल स्थानीय पुलिस थाने को सूचित करें।
देश के कई हिस्सों में पटाखों खास तौर पर दीवाली से पहले विदेशों से तस्करी के जरिए देश में आने वाले पटाखों से हर साल जनधन की भारी हानि होती है। प्रायः कई मामलों में जांच में अवैध पटाखा फैक्टरियों व गोदामों के अलावा खतरनाक केमिकल युक्त पटाखों से भारी नुकसान होता है। कई मामलों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मिली भगत से धंधा होता है तथा जांच के बाद कार्रवाई की खानापूरी के बाद कोई इस पूरे गोरखधंधे की तह में जाने की जहमत नहीं उठाई जाती।
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औद्योगिक विकास नीति व एंव प्रमोशन विभाग ने कहा है कि उसकी जानकारी में अनेकों ऐसी शिकायतें आ रही हैं जिसमें अवैध पटाखों के आयात किए जाने की जानकारियां हैं। गलत घोषणा के आधार पर पटाखे विदेशों से भारत आ रहे हैं। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि पटाखों के आयात के लिए किसी को भी विस्फोटक नियम 2008 के तहत कोई लाइसेंस जारी नहीं किए गए हैं।
सरकार ने इस बात पर चिंता प्रकट की है कि पटाखा व्यवसाय के संगठनों ने भी सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया है कि केमिकल पोटशियमक्लोरेट जो कि सेहत के लिए खतरनाक है, एक साथ अकस्मात विस्फोट कर सकता है।
गौरतलब है कि कोई भी विस्फोटक पदार्थ जिसमें सल्फर या सल्फरेट में एडिमिक्स्चर व साथ में क्लोरेट मिला हो वह भारत में 1992 से पूरी तरह प्रतिबंधित है।