अभी-अभी बोलीं ग्रेटा थनबर्ग: फिर आईं किसानों के समर्थन में, किया ये दमदार ट्वीट
पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक बार फिर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध के समर्थन में हूं।
नई दिल्ली: पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक बार फिर से किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। उनका ये ट्वीट ऐसे समय में किया गया है, जब दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आपको बता दें कि बीते दिनों ग्रेटा ने दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उनके भड़काऊ ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ FIR दर्ज की है।
क्या कहा ग्रेटा थनबर्ग ने?
पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक बार फिर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध के समर्थन में हूं। कोई भी नफरत, धमकी इसे बदल नहीं सकती। #FarmersProtest
दिल्ली पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज की FIR
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ धारा- 153 A, 120 B के तहत FIR दर्ज की गई है। आपको बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था और भारत की सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल खड़े किए थे। एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भी किसानों के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा था कि हम भारत में जारी किसानों के आंदोलन के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।
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इसके साथ ही भारत सरकार पर किस तरह दबाव बनाया जा सकता है, इसके लिए उन्होंने अपनी कार्य योजना से संबंधित एक दस्तावेज भी साझा किया, जो भारत विरोधी प्रोपेगेंडा मुहिम की हिस्सा हैं। इसकी काफी आलोचना हुई थी। आपको बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग के अलावा भी कई विदेशी हस्तियों ने भारत में जारी आंदोलन को लेकर टिप्पणी की थी।
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विदेश मंत्रालय ने जारी किया था ये बयान
जिसके बाद बुधवार को विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी भी हस्ती की तरफ से संवेदनशील ट्वीट करना या हैशटैग चलाना जिम्मेदाराना भरा कदम नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि किसी भी तरह का कमेंट करने से पहले तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करना जरूरी है। मंत्रालय ने इस भारत का आंतरिक मामला बताया और कहा कि किसी भी दूसरे देश की ओर से टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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