तबाह हो रहा शहर: सरकार लगातार खाली करवा रही घर, मौत का कहर जारी
देश के ऊपर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक तरफ कोरोना महामारी और दूसरी तरफ चक्रवाती तूफान। खतरा मंडरा रहे चक्रवाती तूफान निसर्ग के गुजरात राज्य में पंहुचने से पहले ही वलसाड और नवसारी जिलों में पड़ने वाले तटीय इलाकों को खाली करवा लिया गया है।
नई दिल्ली। देश के ऊपर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक तरफ कोरोना महामारी और दूसरी तरफ चक्रवाती तूफान। खतरा मंडरा रहे चक्रवाती तूफान निसर्ग के गुजरात राज्य में पंहुचने से पहले ही वलसाड और नवसारी जिलों में पड़ने वाले तटीय इलाकों को खाली करवा लिया गया है। यहां रहने वाले लगभग 43,000 निवासियों को तूफान का खतरा देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर पंहुचा दिया गया है।
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हजारों लोगों को पंहुचाया सुरक्षित स्थानों पर
चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 13 दल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के 6 दलों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। आगे सरकार ने कहा कि एनडीआरएफ के पांच और बलों को बुलाया गया है।
गुजरात के वलसाड के कलेक्टर आर. आर. रवाल ने कहा, हमने अभी तक तटीय इलाकों पर रहने वाले करीब 32,000 लोगों को अस्थायी आश्रय गृहों में भेजा है। अभी बादल छाए हैं लेकिन हवा चलनी अभी शुरू नहीं हुई है।साथ ही एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नवसारी जिले के विभिन्न गांवों से करीब 11,000 लोगों को निकाला गया है।
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तेज हवाएं चलने और भारी बारिश
तूफान की जानकारी देते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात के गुजरात के तट पर ना पहुंचने का भी संकेत दिया है और कहा है कि राज्य के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चलने और भारी बारिश के साथ इसका असर जरूर दिखेगा।
बता दें, निसर्ग तूफान का असर अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से गोवा में बुधवार सुबह से भारी बारिश के साथ ही तेज हवाएं के चलने से दिखाई दिया है। भारी बारिश के चलते इस तटीय राज्य के कुछ निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
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50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
अलर्ट जारी करते हुए गोवा सरकार द्वारा नियुक्त एक जीवन रक्षा एजेंसी ‘दृष्टि’ ने लोगों से समुद्र में नहीं जाने की अपील की है और 105 किलोमीटर लंबी राज्य तटीय रेखा के पास अधिकांश स्थानों पर लाल झंडे लगाए हैं.
जानकारी देते हुए मौसम विभाग ने बीते मंगलवार शाम को बताया था कि अगले 24 घंटे में कर्नाटक-गोवा तटों पर और पूर्वी मध्य अरब सागर के पास 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है। हालांकि हालातों को देखते हुए अलर्ट जारी है।
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