आरक्षण की मांग पर गुर्जर आंदोलनकारियों का रेल पटरियों पर कब्जा, कई ट्रेनें रद्द

आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार से गुर्जर समाज ने एक बार फिर अपना आंदोलन शुरू किया है। गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला अपने समर्थकों के साथ राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं। आंदोलनकारी दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर बैठ गए हैं कई ट्रेनें रद्द हुई हैं और कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।

Update: 2019-02-09 06:27 GMT

जयपुर: आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार से गुर्जर समाज ने एक बार फिर अपना आंदोलन शुरू किया है। गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला अपने समर्थकों के साथ राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं। आंदोलनकारी दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर बैठ गए हैं कई ट्रेनें रद्द हुई हैं और कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।

यह भी पढ़ें.....बसंत पंचमी आज, सरस्वती की पूजा शुभ मुहूर्त-सुबह 7.15 बजे से दोपहर 12.52 बजे तक

गुर्जर समुदाय राजस्थान में नौकरी और एडमिशन में पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहा है। किरौड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि गुर्जर समुदाय की मांग को पूरा करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बड़ा काम नहीं होना चाहिए।

यह भी पढ़ें.....Agra- आकाशीय बिजली से कई मकानों में आई दरारें, आकाशीय बिजली से घरों की छत, दीवाल गिरी

बैंसला ने इस बार के आंदोलन को आर-पार की लड़ाई बताया है। वहीं, ट्रैक पर जारी प्रदर्शन के कारण कई रेल यातायात पर काफी असर पड़ा है। अब तक 14 ट्रेनें कैंसल की जा चुकी हैं और 20 रेलगाड़ियों के मार्ग बदले गए हैं।

तो वहीं आरक्षण की मांग को लेकर रेल पटरी पर बैठे बुजुर्गों से बातचीत के लिए राजस्थान सरकार ने तीन मंत्रियों की एक टीम बनाई है। टीम के नेता आज गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से बातचीत करेंगे। इस टीम में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, समाज कल्याण मंत्री भंवर लाल मेघवाल और रघु शर्मा को शामिल हैं।

यह भी पढ़ें.....रामगढ़ चीनी मिल के गन्ना सेंटर पर डकैती मामले में पुलिस को मिली कामयाबी, 5 आरोपी गिरफ्तार

शुक्रवार को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, "हम अपने समुदाय के लिए उसी तरह पांच फीसदी आरक्षण चाहते हैं, जिस तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है। सरकार ने हमारी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कोई हमसे बातचीत करने भी नहीं आया है, इसलिए हमें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है।

Tags:    

Similar News