हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, 14 और जिलों में इंटरनेट 30 जनवरी तक किया ठप

हरियाणा सरकार ने सूबे के 14 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इससे पहले सोनीपत, झज्जर और पलवल जिले में इंटरनेट सेवा ठप थी।

Update:2021-01-29 17:24 IST
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर यूपी के कई गांवों से लोग यहां पानी लेकर पहुंचे हैं। भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है।

जींद:केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं के सैलाब के बाद किसान आंदोलन एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रहा है।

बड़ी तादाद में टिकैत समर्थक धरना स्थल पर पहुंचे हुए हैं। हाइवे खाली कराने के लिए पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद हैं। उनके साथ भारी तादाद में सुरक्षाकर्मी हैं।

किसी भी तरह से अब किसानों को धरना स्थल से हटाने की कवायद की जा रही है। इस बीच हरियाणा से खबर आ रही है कि प्रदेश सरकार ने सूबे के 14 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इससे पहले सोनीपत, झज्जर और पलवल जिले में इंटरनेट सेवा ठप थी।

अब हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में वायस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं को 30 जनवरी शाम पांच बजे तक बंद करने का निर्णय लिया है।

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, 14 और जिलों में इंटरनेट 30 जनवरी तक किया ठप(फोटो: सोशल मीडिया)

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गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा

दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आज एक फिर से बड़ा जमावड़ा लगा है। शुक्रवार को हजारों की संख्या में किसान अलग-अलग जगहों से पहुंचे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर यूपी के कई गांवों से लोग यहां पानी लेकर पहुंचे हैं। भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है। इस बार प्रशासन कोई भी चूक नहीं करना चाहता है। गाजीपुर बॉर्डर पर फिर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, 14 और जिलों में इंटरनेट 30 जनवरी तक किया ठप(फोटो: सोशल मीडिया)

किसानों ने प्रशासन पर लगाए कई आरोप

गाजीपुर बॉर्डर पर बीते दिन ही पानी की सुविधा बंद कर दी गई, साथ ही यहां पर खड़े अस्थाई शौचालयों को हटा दिया गया था। हालांकि, जो बिजली पहले काटी गई थी उसे वापस जोड़ दिया गया था। शुक्रवार सुबह मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर जैसे इलाकों से बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंचे है।

किसानों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें जबरन हटाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है वे यहां से उठने वाले नहीं हैं।

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