कोरोना: होम आइसोलेशन पर नई गाइडलाइन, इन मरीजों के लिए बदला नियम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। गुरुवार को सरकार ने ये गाइडलाइन कोरोना के माइल्‍ड, प्रीसिम्‍टोमेटिक और एसिम्‍टोमेटिक मामलों के लिए जारी किए हैं।

Update: 2020-07-02 18:14 GMT

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। गुरुवार को सरकार ने ये गाइडलाइन कोरोना के माइल्‍ड, प्रीसिम्‍टोमेटिक और एसिम्‍टोमेटिक मामलों के लिए जारी किए हैं। सरकार की संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक, जो पहले से एचआईवी और कैंसर के मरीज हैं उन्हें होम आइसोलेशन में नहीं, बल्कि अस्पताल में इलाज कराना होगा।

सरकार के निर्देश के मुताबिक होम आइसोलेशन वाले मरीज लक्षण की शुरुआत के 10 दिन बाद डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे। नई गाइडलाइन में कहा गया है कि हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वह होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा सकेंगे, लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर की इजाजत की आवश्यकता होगी।

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सरकार के निर्देश के मुताबिक होम आइसोलेशन पूरा होने के बाद टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। बड़ी संख्या में बिना लक्षण वाले मरीज सामने आने के बाद ये नए दिशा-निर्देश जारी कर किए गए हैं।

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सरकार की नई गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है, सीने में दर्द शुरू होता है या बोलने में तकलीफ होती है तो उन्हें अस्पताल आना होगा। इसके साथ ही 60 साल के ऊपर के मरीजों को अस्पताल में ही अपना इलाज कराना होगा।

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परिवार के सदस्‍यों से बिल्‍कुल अलग रहना होगा

इसके साथ सरकार के निर्देश के मुताबिक जिन्हें डायबिटीज, हाईपर टेंशन, कैंसर, किडनी, फेफड़ों से संबंधित बीमारी है उनको भी अस्‍पताल में ही इलाज कराना होगा। सरकार का साफ कहना है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को परिवार के सदस्‍यों से बिल्‍कुल ही अलग रहना होगा। मंत्रालय की ये गाइडलाइन उन सभी राज्यों के लिए है जिन्होंने होम आइसोलेशन की अनुमति दी है।

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